-1963 में डोरंडा में हुआ ऑल सेंट्स कैथोलिक चर्च का निर्माण

-सोसाइटी ऑफ पिलार धर्म की स्थापना 26 सितंबर 1887 को गोवा में हुई

-देश भर में समाज के उत्थान का कार्य कर रही सोसायटी

RANCHI: साल क्9म्फ् में डोरंडा में ऑल सेंट्स कैथोलिक चर्च(सब संतों का गिरजाघर)का निर्माण हुआ, जो शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। जॉर्ज विगसेन(एसजे)जूनक्9म्फ् से दिसंबर क्977 तक इस चर्च के पहले पेरिस प्रीस्ट रहे। उनके बाद सोसाइटी ऑफ जीसस के फादर डेविड केरकेट्टा आए। फादर क्रिस्टोफर लकड़ा इस चर्च के वर्तमान पेरिस प्रीस्ट हैं। गौरतलब हो कि क्9म्फ् में ही डोरंडा पेरिस भी अस्तित्व में आया था।

इसके बाद सोसाइटी ऑफ पिलार रांची महाधर्मप्रांत में साल क्9म्भ् से अस्तित्व में आई। सेवा के कार्य सबसे पहले अंडमान निकोबार में शुरू किए गए। तब अंडमान निकोबार रांची महाधर्मप्रांत के अंतर्गत ही आता था। साल क्977 में अगरमा में पेरिस से नई शुरुआत हुई, यह पेरिस अब गुमला डायसिस में है। इस कांग्रीगेशन को डोरंडा व नवाटांड़ के देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। डिबडीह में फादर अग्रेल स्कूल का संचालन किया जा रहा है।

गौरतलब हो कि सबसे पहले शिक्षा, सेवा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली सोसाइटी ऑफ पिलार धर्म की स्थापना ख्म् सितंबर क्887 को गोवा में हुई। समाज के उत्थान के लिए यह सोसाइटी पूरे भारतवर्ष में काम कर रही है।

क्या कहते हैं मसीही विश्वासी

खुशियां बांटने से ही खुशियां मिलती हैं। क्रिसमस तो देने का त्योहार है, तभी तो साधन संपन्न लोग जिनके पास अभावग्रस्त लोगों के लिए गिफ्ट, कपड़ों का बंदोबस्त करते हैं।

निहाल

प्रभु ने कहा है कि अगर तुम्हारे पास दो जोड़ी जूते हैं, तो उसमें से एक वैसे लोगों को दे दो जिनके पास नहीं है, जो अभाव में जी रहे हैं उनकी सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।

प्रसन्न

क्रिसमस उमंग और उल्लास का त्योहार है। चारों तरफ मस्ती की बयार छाने लगी है। फिजा में कैरोल के तराने गूंज रहे हैं। अब तो माहौल क्रिसमसमय हो गया है।

अंजना

Posted By: Inextlive