केंद्र सरकार ने एक नई पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज पाॅलिसी जारी करने की बात कही है। इसके तहद सभी क्षेत्रों की कंपनियों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला जाएगा।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्र एक नई पब्लिक सेक्‍टर एंटरप्राइज पॉलिसी लेकर आएगा व सभी क्षेत्रों को प्राइवेट सेक्‍टर के लिए खोला जाएगा। यहां मीडिया से बात करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पब्लिक सेक्‍टर एंटरप्राइज कुछ तय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। नई नीति के तहत, सार्वजनिक हित में पब्लिक सेक्‍टर की उपस्थिति की आवश्यकता वाले रणनीतिक क्षेत्रों की एक सूची तैयार की जाएगी और इन क्षेत्रों में, कम से कम एक उद्यम पब्लिक सेक्‍टर में रहेगा और प्राइवेट सेक्‍टर को भी अनुमति दी जाएगी।

सभी क्षेत्रों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला जाएगा

केंद्र एक नई पब्लिक सेक्‍टर एंटरप्राइज पॉलिसी लेकर आएगा व सभी क्षेत्रों को प्राइवेट सेक्‍टर के लिए खोला जाएगा। यहां मीडिया से बात करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पब्लिक सेक्‍टर एंटरप्राइज कुछ तय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। नई नीति के तहत, सार्वजनिक हित में पब्लिक सेक्‍टर की उपस्थिति की आवश्यकता वाले रणनीतिक क्षेत्रों की एक सूची तैयार की जाएगी और इन क्षेत्रों में, कम से कम एक उद्यम पब्लिक सेक्‍टर में रहेगा और प्राइवेट सेक्‍टर को भी अनुमति दी जाएगी।

कम से कम एक एंटरप्राइज होगा पबल्कि सेक्टर में

सीतारमण ने विशेष रूप से घोषणा करी कि अन्य गैर रणनीतिक क्षेत्रों में सभी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजीकरण का समय कुछ विशेष बातों पर निर्भर करेगा। सीतारमण ने कहा कि कुछ बेजह हो रही प्रशासनिक लागतों को कम करने के लिए, स्ट्रेटेजिक सेक्टर में इंटरप्राइजेस की संख्या आमतौर पर केवल एक से चार होती है, उनका और अन्य का प्राइवेटाइजेशन, खरीद और मजर्र होल्डिंग कंपनियों के तहत लाया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि नई पाॅलिसी के तहत सार्वजनिक हित में पब्लिक सेक्टर इटंरप्राइजेस की प्रजेंस वाले रणनीतिक क्षेत्रों की एक सूची जारी की जाएगी। इन सेक्टर्स में कम से कम एक एंटरप्राइज पबल्कि सेक्टर में रहेगा और प्राइवेट सेक्टर में भी एक रहने की अनुमति है।

कोयले के वाणिज्यिक खनन की घोषणा की

सीतारमण ने शनिवार को कोयले के वाणिज्यिक खनन की घोषणा की थी जहां कोई भी कोयला ब्लॉक्स के लिए बोली लगा सकता है। ये डिसीजन कोल इंडिया लिमिटेड के एकाधिकार को समाप्त करता है। केंद्र सरकार प्राइवेट कंपनियों को मौका दे रही है और शनिवार को की गई घोषणाओं के अनुसार सार्वजनिक- निजी साझेदारी मोड में परमाणु ऊर्जा अनुसंधान रिएक्टर और कई सुविधाएं सेटअप की जाएंगी। सरकार की योजना के अनुसार केंद्र पहले से ही एयर इंडिया को बेचने की कोशिश कर रहा है जो अभी तक नहीं हुआ है।

शुरु की जाएगी तेल की रणनीतिक बिक्री

तेल की रणनीतिक बिक्री शुरी की गई है जो कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुआ है। भारत पर्यटन विकास निगम सहित कई कंपनियां अगले ब्लॉक पर में हो सकती हैं। इसके अलावा, बिजली और तेल और गैस क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की समेकन और रणनीतिक बिक्री इस वर्ष की जा सकती हैं। सरकार बिजली उपकरण निर्माता भेल और इस्पात निर्माता सेल के कुछ उत्पादन इकाइयों की बिक्री कर सकती है। यदि नई नीति और निजीकरण योजना सफल हेतू है तो यह भारत को अपने विनिवेश लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद कर सकती है या इसे पार भी कर सकती है। वित्तीय वर्ष 2020- 21 के लिए सरकार ने विनिवेश लक्ष्य को 1.20 लाख करोड़ रुपये आंका है। पिछले साल सरकार सिर्फ 65000 करोड़ रुपये का विनिवेश हासिल कर सकी थी जबकि मूल लक्ष्य 105000 करोड़ रुपये था।

Posted By: Vandana Sharma