रेलवे इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आठ मार्च को खास बनाएगा। भारतीय रेल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी ट्रेन में सिर्फ महिला टीटीई यात्रा टिकट परीक्षक ही होंगी। नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाले इस काम की शुरुआत भी वह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से करेगा जबकि ट्रेन होगी मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस।

मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में सभी टीटीई महिलाएं होंगी
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया, 'आठ मार्च से मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में सभी टीटीई महिलाएं होंगी। इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। ट्रेन की दोनों की ओर की यात्रा के दौरान 30 महिला टीटीई की एक टीम तैनात की जाएगी। वर्तमान में ट्रेन में तैनात कुल छह में से दो ही महिला टीटीई होती हैं। अधिकारियों ने बताया, 'आठ मार्च से ट्रेन की यात्रा के दौरान किसी भी समय छह महिला टीटीई का एक दल ड्यूटी पर होगा।
महिलाओं के काम की अवधि लगभग छह घंटे 20 मिनट होगी
इस दिन महिलाओं के काम की अवधि लगभग छह घंटे 20 मिनट होगी। मौजूदा समय में जयपुर का गांधी नगर पहला गैर उपनगर रेलवे स्टेशन है, जहां पर सभी कार्यों का संचालन महिला कर्मियों द्वारा किया जाता है। वैसे पूरी तरह से महिला कर्मियों द्वारा संचालित किया जाने वाला पहला उपनगर रेलवे स्टेशन मुंबई का मांटुगा है। अपने इस उपलब्धि के लिए उसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकाड्र्स में भी दर्ज किया गया है।

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Posted By: Shweta Mishra