-कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों ने बेटियों को बताया घर की लक्ष्मी

-बेटियों के आने से कंप्लीट हुई फैमिली, रौशन हुआ घर का आंगन

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PRAYAGRAJ: बेटियों को लेकर लोगों के कांसेप्ट में जबर्दस्त बदलाव आया है। आज बहुत सी फैमिलीज हैं, जिनके पास सिर्फ एक बेटी है। इसके बावजूद अब वह अगला बच्चा नहीं चाहते। वजह, लोगों का मानना है कि बेटियों से घर-संसार संवरता है। शुक्रवार को एमएनएनआईटी में कन्या सुमंगला योजना के शुभारंभ के मौके पहुंची फैमिलीज ने भी यही फीलिंग बयां की। इन फैमिलीज ने कहा कि बेटी पैदा होने की खुशी पूरी फैमिली ने सेलिब्रेट की।

बेटी ने पूरा किया परिवार

इस कार्यक्रम में म्योराबाद के रहने वाले सौभाग्य मिश्रा भी आए थे। पेशे से वकील सौभाग्य मिश्रा ने बताया कि उनकी पहली संतान बेटी है। अपनी आठ महीने की बेटी को वह बेहद लकी मानते हैं। उनकी पत्नी अर्चना मिश्रा भी पति की बातों पर सहमति जाहिर करती हैं। नखास कोहना के रहने वाले दीपक सिंह प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं। पत्नी और डेढ़ महीने की बेटी के साथ कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे दीपक का कहना है कि उनकी शुरू से चाहत थी कि उनके घर बेटी हो। इस चाहत को भगवान ने भी सुन लिया और उनको बेटी का पिता होने का सौभाग्य दिया। वह कहते हैं कि एक बेटी होने से उनको लगता है कि उनका परिवार पूरा हो गया। अब किसी अन्य बच्चे की चाहत नहीं रह गई है।

हर घर का गौरव

करछना से आई रेनू ने बताया कि उनकी भी सिर्फ एक ही बेटी है। पूरा परिवार अपनी बिटिया रानी को दुलार करता है। वह कहती हैं कि बेटी होने से घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ है। बेटियां अपने पैरेंट्स को हमेशा प्यार करती हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि घर में बेटी ने सौभाग्य के रूप में कदम रखा है।

वर्जन

बेटी होने खुशी को पूरी फैमिली ने सेलिब्रेट की थी। मेरा ही नहीं पूरे परिवार का मानना है कि बेटियों से घर में रौनक आती है।

-सौभाग्य मिश्रा

एक बेटी ने मेरी फैमिली को कंप्लीट कर दिया। मुझे इस बात की बहुत ज्यादा खुशी है कि मेरी पहली संतान बेटी हुई है। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं।

-दीपक

बेटियां हमेशा ही घर का मान बढ़ाती है। वह सौभाग्य लेकर आती हैं। मुझे इस बात की खुशी होने के साथ-साथ इस बात पर गर्व भी है कि मेरे पास बेटी है।

-पूजा सिंह

Posted By: Inextlive