जिले में स्कूलों की संख्या

1000 से अधिक यूपी बोर्ड

65 सीबीएसई स्कूल

17 आईसीएससी

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-जल्द शुरू होगा कैंटीन से जंक फूड हटाने का अभियान

-स्कूलों को लेटर भेजकर की जाएगी अपील, फिर होगी कार्रवाई

vineet.tiwari@inext.co.in

PRAYAGRAJ: जल्द ही शहर के स्कूलों की कैंटीन में बर्गर, समोसे, चाऊमीन और नूडल्स देखने को नहीं मिलेंगे। यहां से जंकफूड हटाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बच्चों की सेहत सुधारने के लिए सरकार यह बड़ा कदम उठाने जा रही है। यह अभियान चलाए जाने के बाद स्कूलों की कैंटीन में केवल न्यूट्रिशियस और हेल्दी फूड ही बेचे जाएंगे।

लगातार आ रही थी शिकायत

स्कूलों की कैंटीनों में आमतौर पर जंकफूड ही बेचे जाते हैं। इनमें दर्जनों ऐसे आइटम्स होते हैं जो फटाफट तैयार होते हैं और बच्चे इनको चाव से खाते हैं। स्कूल प्रशासन भी कैंटीन के ठेकेदारों को ऐसा करने से मना नहीं करते हैं। इसको लेकर अभिभावक लगातार शिकायत दर्ज करा रहे थे। यही कारण है कि सरकार एक बड़ा अभियान चलाने जा रही है। इसके तहत इन कैंटीनों में जंकफूड बेचने पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी।

पहले अपील फिर एक्शन

जानकारी के मुताबिक खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से पहले स्कूल्स को लेटर भेजकर कैंटीन से जंकफूड हटाने की अपील की जाएगी। इसके बाद इन कैंटीनों की जांच की जाएगी। जंक फूड पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। विभाग इसके लिए एरियावाइज टीमें बनाएगा। इनका काम वहां के स्कूलों की कैंटीन की जांच करना होगा। इसके साथ ही इन कैंटीनों में न्यूट्रीशियस और हेल्दी फूड्स सहित फल-फ्रूट बेचे जाएंगे।

घट रही स्टेमिना, बढ़ रहा मोटापा

जंकफूड खाने से बच्चों की स्टेमिना घट रही है। इनमें स्फूर्ति और ताकत का संचार नहीं होने से उनका पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है। इन कैंटीन्स में समोसा, नूडल, चाऊमीन, बर्गर, हॉट डॉग, पैटीज आदि बेचे जाते हैं। इनको बच्चे बड़े चाव से खाते हैं लेकिन इनमें कैलोरी इतनी अधिक होती है। इससे बच्चों का मोटापा बढ़ने लगता है। इसके अलावा जंकफूड में इस्तेमाल तेल और मसालों से बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचता है।

स्कूलों को किया जा रहा जागरुक

एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की ओर से स्कूलों को जागरुक करने का प्रयास भी लगातार किया जा रहा है। 14 नवंबर से चलाए जा रहे 'ईट राइट इंडिया अभियान' के तहत जिले के 40 स्कूलों के बच्चों केा मिलावटखोरी से बचाव की जानकारी दी जा चुकी है। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी स्वयं स्कूलों में पहुंचकर बच्चों से रूबरू हो रहे हैं। इसके अलावा सेफ न्यूट्रिशस फूड यानी एसएनएफ ऐप से स्कूलों को लिंक करके उनको एफएसएसएआई के सभी मैसेज भेजे जा रहे हैं। यह सभी मैसेज मिलावटखोरी से बचाव और जागरुकता हैं। इसकी जानकारी बच्चों को दी जा रही है।

अभी पब्लिक डोमेन पर सरकार का यह आर्डर दिख रहा है। इस पर जनता से राय मांगी जा रही है। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। जिसके बाद स्कूलों की कैंटीनों से जंक फूड हटाने की मुहिम की शुरुआत की जाएगी।

-केके त्रिपाठी, चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर, प्रयागराज

Posted By: Inextlive