-150 के साइबर क्राइम के केसेज सामने आ रहे हर माह

-ऑनलाइन आधार कार्ड में एड्रेस चेंज करवाकर बैंक में अकाउंट खुलवा रहे हैं साइबर शातिर

-साइबर सेल द्वारा की गई जांच के दौरान प्रकाश में आया मामला, आधार कार्ड केंद्र लखनऊ नहीं दे रहा डिटेल

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: साइबर क्राइम की दुनिया का एक नया पैंतरा सामने आया है। फ्रॉड करने के लिए शातिर आधार कार्ड को आधार बना रहे हैं। बैंक अकाउंट में जिस आधार कार्ड का प्रयोग वे करते हैं, उसका एड्रेस फर्जी होता है। आधार कार्ड में चेंज एड्रेस की वजह से जांच अधिकारी उन तक नहीं पहुंच पा रहे। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि शातिरों तक पहुंचने में विवेचकों की मदद सरकारी मशीनरी ही नहीं कर रही। लिहाजा, चाहकर भी जांच अधिकारी साक्ष्य और सुबूत जुटाने के बावजूद अपराधी की गिरफ्तारी नहीं कर पा रहे। इस बात का खुलासा साइबर क्राइम के तीन केस की विवेचना के दौरान हुआ है।

इस तरह से सामने आए तथ्य

दिन-ब-दिन बढ़ रहा साइबर क्राइम पब्लिक के लिए परेशानी तो पुलिस के लिए चैलेंज बन चुका है। जिले में हर माह 100 से 150 केस सामने आ रहे हैं। शिकायत के बाद इनमें कुछ केस तो महीना पंद्रह दिन में ही खुल जाते हैं। शेष मामलों की रिपोर्ट दर्ज करवाकर जांच साइबर सेल को सौंप दिया जाता है। पिछले वर्ष झूंसी और सोरांव में इसी तरह के तीन केस दर्ज हुए थे। मामला साइबर सेल पहुंचा तो जांच आरके सिंह को सौंप दी गई। विवेचना शुरू हुई तो पता चला कि शातिरों ने बैंक खाते में रुपए झांसा देकर मंगा लिए थे। बताते हैं कि वह बैंक पहुंचे और शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए बैंक अकाउंट की डिटेल ली। यहां प्राप्त अकाउंट डिटेल में खाता होल्डर का एड्रेस दिल्ली और लखनऊ का था। इसके आधार पर वह शातिर तक पहुंचने की जुगत में जुट गए। तमाम कोशिशों के बाद सामने आया कि लगाए गए आधार पर एड्रेस फर्जी था।

लौटना पड़ा बैरंग

यह मालूम चला तो विवेचक आरके सिंह इसका असली पता तलाश करने में जुट गए। इस बीच जानकारी हुई कि आधार कार्ड में एड्रेस चेंज करवाया गया है। चेंज करवाए गए एड्रेस के पूर्व क्या पता था इसकी खोज में वह आधार कार्ड केंद्र लखनऊ हेड ऑफिस जा पहुंचे। वहां से उन्हें यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि वह किसी भी आधार की डिटेल किसी को भी नहीें दे सकते। डिटेल के लिए निर्धारित गाइड लाइन के तहत आना होगा। वह गाइड लाइन में बताई गई शर्त के तहत डिटेल मांगने की कोशिश किए बावजूद इसके आज तक उन्हें डिटेल नहीं मिल सकी। हालांकि शातिरों तक पहुंचने का प्रयास अभी जारी है। लिहाजा अधिकारी मुकदमे की डिटेल बताने से कतरा रहे हैं।

इस तरह चेंज करवाते हैं पता

आधार कार्ड होल्डर अपना एड्रेस कहीं से भी ऑनलाइन बदलवा सकते हैं। इसी सुविधा का लाभ उठाते हुए शातिर अपने आधार कार्ड का एड्रेस ऑनलाइन अप्लाई कर चेंज करवा लेते हैं। पता तो बदल जाता है मगर फोटो और थम्ब एवं आंख की ली गई तस्वीर उन्हीं की होती है। इस तरह साइबर फ्रॉड इसे मिसयूज कर रहे हैं।

इसके बावजूद नहीं मिला मूल एड्रेस

-विवेचक आरके सिंह आधार कार्ड में चेंज कराए गए एड्रेस के पूर्व का पता जानने के लिए वह लखनऊ पहुंचे तो कहा गया कि कोर्ट का आदेश लाओ।

-वहां से लौट कर विवेचक ने कोर्ट से निवेदन किया कि आधार कार्ड की डिटेल दिलाई जाय ताकि अपराधी पकड़े जा सकें

-कोर्ट ने आधार कार्ड के हेड ऑफिस लखनऊ लेटर भेज कर डिटेल देने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया

-लेटर पहुंचा तो आधार कार्ड हेड ऑफिस के अधिवक्ता पहुंचे और कोर्ट को बताए कि उनकी गाइड लाइन में है कि वह डिटेल किसी को नहीं दे सकते

अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस हर स्तर पर प्रयास करेगी। जांच अधिकारी मामला अभी मेरी जानकारी में नहीं है। विवेचना से जानकारी लेकर लिखापढ़ी की जाएगी। विवेचक ने मेहनत की है तो उसकी मेहनत जाया नहीं होने दी जाएगी।

-सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसएसपी प्रयागराज

सिर्फ हाईकोर्ट के आदेश पर ही किसी के आधार कार्ड की डिटेल वह भी जांच अधिकारी को देखने का राइट है। इसके पहले किसी भी आधार कार्ड से सम्बंधित डिटेल विभाग किसी को भी नहीं दे सकता। फिर वह जांच अधिकारी हों या प्रशासनिक अधिकारी।

-सुनील पांडेय, डायरेक्टर आधार कार्ड केंद्र लखनऊ

Posted By: Inextlive