-लगातार हो रही मौतों से हैरान हुआ स्वास्थ्य विभाग

-टीमों को भेजकर कराई जा रही जांच, खारिज किए जा रहे जनता के दावे

PRAYAGRAJ: बीमारियों से लोग पहले भी मरते थे। अभी भी कई रोग जानलेवा बने हुए हैं। लेकिन इस सीजन में होने वाली मौतों का रीजन डेंगू बताया जा रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग हैरान और परेशान हो गया है। मौत का रीजन डेंगू बताने पर कारणों की जांच की जा रही है। बाद में इसे खारिज भी किया जा रहा है। हाल ही में ऐसे चार मामलों की जांच कराकर जनता के आरोपों का खंडन भी किया गया।

इन मामलों में कराई गई जांच

केस-1

18 नवंबर की सुबह नैनी के महेवा घाट में किशोरी मुस्कान की मौत का कारण डेंगू बताया गया था। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच की तो पता चला कि उसकी डेथ मल्टी आर्गन फेल्योर, सेप्टीसीमिया और वायरल मायोकारडाइटिस से हुई थी। विभाग का दावा है कि उसका प्लेटलेट्स काउंट भी 70 हजार था। ऐसे में डेंगू से मृत्यु का सवाल नही उठता।

केस-2

अशोक नगर नेवादा के रहने वाले 26 साल के जगमीत की मौत 15 नवंबर को हुई थी। परिजनों ने डेंगू से मौत का आरोप लगाया था। मामले की जांच के लिए डॉ। विमलकांत के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने टीम भेजी थी। जांच में टीम ने दावा कि उसकी मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर और हेपेटाइटिस से हुई थी। डेंगू के कारण को नकार दिया गया।

एक भी मौत मानने को तैयार नहीं

एक ओर अभी तक शहर में डेंगूु से दर्जनों मौत के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग एक भी मामला मानने को तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि जो भी मरीज डेंगू के चिन्हित किए गए हैं उनका इलाज चल रहा है। अभी तक एक भी कैजुअल्टी नहीं हुई है। अगर मौत का कोई मामला सामने आता है तो उसकी जांच कराई जाती है। मरीज के घर के आसपास एंटी लार्वा स्प्रे भी होता है।

मरीज की एलाइजा जांच जरूरी

अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के मरीजों की एलाइजा जांच जरूर कराई जाए। इसके लिए मेडिकल कॉलेज की लैब में सैंपल भेजा जाता है। अगर वहां डेंगू की पुष्टि होने के बाद मरीज की मौत हो जाती है तो उसे माना जाएगा। अन्यथा की स्थिति में हमारी टीम पूरी जांचकर मौत के कारणों का पता लगाती है। यह भी बता दें कि सरकार की ओर से वर्तमान में डेंगू से मौत पर किसी प्रकार के मुआवजे की व्यवस्था नहीं है।

अभी तक हुई मौतों की जांच कराई गई। इसमें पाया गया कि मरीजों की मौत दूसरी वजहों से हुई थी। डेंगू से बचाव के लिए अवेयरनेस जरूरी है। लोगों को शक होने पर लक्षणों की प्रभावी जांच करानी चाहिए।

-डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive