-आरटीओ में लाइसेंस बनवाने के लिए रोज लग रही है लाइन

-एक बार एग्जाम का नंबर मिस होने पर लग जाते हैं तीन से चार महीने

PRAYAGRAJ: आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए रोजाना लंबी लाइन लग रही है। कोरोनावायरस से बचाव को लेकर हुए तमाम इंतजाम और एहतियातों के बीच लोग डीएल के लिए एग्जाम दे रहे हैं। सोमवार को लर्निग और परमानेंट को मिलाकर कुल 700 के आसपास लोग यहां एग्जाम देने पहुंचे थे। इस दौरान दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि कोरोना से डर नहीं लगता? जवाब मिला, कोरोना से तो अलर्ट रहकर बचाव कर लेंगे। लेकिन अगर एक बार बार एग्जाम मिस हो गया तो फिर चार महीने तक वेटिंग हो जाएगी।

जितने लोगों का नंबर, उतने मौजूद

-ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को ऑनलाइन नंबर लगवाना पड़ता है। -आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को एक डेट मिलती है।

-कभी-कभी डेट मिलने में तीन महीने भी लग जाता है।

-उसी डेट पर उनको एग्जाम देने आना होता है।

-अगर उस डेट पर नहीं आए तो एग्जाम कैंसिल हो जाता है।

-यही वजह है कि अभ्यर्थी ऑनलाइन डेट पर सब काम छोड़कर आते हैं।

सेफ्टी का रखा गया है पूरा ख्याल

-एआरटीओ डा। सियाराम वर्मा के निर्देश पर हर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले रूम में सैनिटाइजर रखा गया।

-इसको यूज करने के बाद ही लोग बायोमीट्रिक कर रहे हैं।

-एआरटीओ का कहना है कि लोगों की सेफ्टी का विशेष ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

-काम करने वाले स्टाफ को भी मास्क लगाकर काम करने का निर्देश दिया गया है, जिसका पालन किया जा रहा है।

-इसके अलावा आरटीओ ऑफिस में आने वाले हर व्यक्ति को अवेयर किया जा रहा है।

अक्टूबर 2019 में ऑनलाइन अप्लाई किया था। अब जाकर नंबर आया है। भला कैसे एग्जाम छोड़ दूं। कोरोना का डर तो है, लेकिन नंबर आने का फिर वेट कौन करेगा।

-अक्षय शर्मा

एक बार तबियत खराब होने के कारण एक बार डेट मिस कर चुका हूं। इस बार फिर नहीं आता तो एग्जाम छूट जाता। फिर पता नहीं कब नंबर मिलता।

-मिसाल श्रीवास्तव

स्टाफ के साथ लोगों को भी अवेयर किया जा रहा है। स्टाफ को मास्क दिया गया है। बायोमीट्रिक से पहले सैनिटाइजर यूज कर रहे हैं। रोजाना भीड़ ऐसे ही है। सब समय पर आकर एग्जाम दे रहे हैं।

-डॉ। सियाराम वर्मा, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive