इसलिए जरूरी है फोर्टिफाइड मिल्क

फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक भारत

-70 प्रतिशत लोग विटामिन और मिनिरल जैसे सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का पर्याप्त उपभोग नहीं करते हैं।

-राष्ट्रीय पोषण संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार देश के 40 फीसदी घरों में बच्चों को मिलने वाला भोजन असंतुलित है।

-पांच साल से कम उम्र के 55 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है।

-52 फीसदी बच्चों की लंबाई सामान्य से कम है।

-05 साल की एज तक के बच्चों में विटामिन ए की मात्रा सामान्य से कम है।

-लोगों को भोजन में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, थियामीन की मात्रा लगातार घटती जा रही है।

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-जिले में दूध पैकिंग करने वाली कंपनियों ने दी सहमति

-दूध को पौष्टिक तत्वों से भरपूर करने का सरकार का है दबाव

PRAYAGRAJ: इंडियन सोसायटी में दूध की इंपॉर्टेस काफी ज्यादा है। पैरेंट्स इस बात पर पूरा जोर देते हैं कि बच्चों को कम से कम एक गिलास दूध हर रोज मिले। लेकिन क्या आप जो दूध पी रहे हैं वह आपको पर्याप्त पोषण दे रहा है? घरों में बड़े पैमाने पर पैकेज्ड मिल्क यूज होता है। पैकेजिंग से पहले इस दूध की प्रॉसेसिंग होती है। इस प्रॉसेसिंग के दौरान दूध के जो न्यूट्रिशनल वैल्यूज हैं वो कम हो जाते हैं। अब पैकेज्ड मिल्क को ज्यादा पौष्टिक बनाने के लिए फोर्टिफाइड मिल्क पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में शहर की तीन कंपनियां सरकार की मंशा के अनुसार फोर्टिफाइड मिल्क प्रोड्यूस करेंगी। इसके लिए प्रॉसेस जल्द ही शुरू हो जाएगा।

क्या है फोर्टीफाइड मिल्क

नमक में आयोडीन की मात्रा मिलाकर उसे अतिरिक्त रूप से पौष्टिक बनाया जाता है। इसी प्रकार दूध में विटामिन ए और डी सहित तमाम पोषक तत्व मिलाया जाता है। इससे पैकेट वाला दूध और ज्यादा पौष्टिक हो जाएगा। खाद्य सुरक्षा विभाग ने पराग, मंगलम और श्याम दूध कंपनियों से बातचीत की है। इन तीनों की पैकिंग भी स्थानीय होती है। विभाग के मुताबिक तीनों कंपनियों ने फोर्टिफाइड मिल्क प्रोड्यूस करने पर सहमति जता दी है।

सिंबल होगा उत्पाद की पहचान

शहर के तमाम महानगरों में दुग्ध उत्पाद कंपनियों ने फोर्टीफाइड मिल्क बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां बिकने वाले दूध के पैकेट़्स पर एफ का सिंबल बना होता है, जो दूध के फोर्टिफाइड होने की पहचान है। प्रयागराज में भी कंपनियां अपने यहां छपने वाले पैकेटों पर इस सिंबल को छापने की तैयारी कर रही हैं।

काफी सस्ते होते हैं माइक्रो न्यूट्रिएंट्स

-कंपनियां जब दूध की प्रोसेसिंग करती हैं तो उसके कई पोषक तत्व कम हो जाते हैं। -बाद में इनकी मात्रा को बढ़ाने के लिए अलग से माइक्रो न्यूट्रिएंट्स मिलाए जाएंगे।

-इनमें विटामिन ए, डी के साथ आयरन, मिनरल्स आदि एड किए जाएंगे।

-जानकारी के मुताबिक माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कीमत काफी कम होती है।

-बावजूद इसके कुछ शहरों में फोर्टीफाइड मिल्क के दाम थोड़े ज्यादा हैं।

-हालांकि इस मामले पर भी विभाग और कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है।

भारी भरकम है खपत

शहर में पैकेटबंद दूध की जबरदस्त खपत है। हजारों की संख्या में पैकेट की रोजाना बिक्री होती है। इनकी कई वैरायटी मार्केट में उपलब्ध है। विद फैट और विदाउट फैट दूध मार्केट में मिल रहा है। फिलहाल मार्केट में नमक में ही फोर्टिफाइड है। जल्द ही दूध भी इस सूची में शामिल हो जाएगा। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग आयल और आटे का उत्पादन करने वाली कंपनियों से फोर्टीफाइड प्रोडक्ट तैयार करने की बात कर रहा है।

तीनों कंपनियों से बात हो गई है। इनका मिल्क फोर्टिफाइड होकर घर पहुंचेगा। जल्द ही इनके पैकेट एफ का सिंबल भी प्रदर्शित होगा जो फोर्टिफाइड मिल्क की पहचान होगा। यह दूध पहले से अधिक ताकतवर और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होगा।

-केके त्रिपाठी, चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर, प्रयागराज

Posted By: Inextlive