तीन दिन की बच्ची को हॉस्पिटल में छोड़कर भाग गए थे पैरेंट्स क्रिटिकल कंडीशन में चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती होगा ऑपरेशन PRAYAGRAJ: इस बच्ची से शायद भगवान भी रूठा हुआ था. तभी तो पैदा होने के साथ ऐसी बीमारी दे दी जिसके चलते उसकी जिंदगी खतरे में पड़ गयी है. इसी के चलते अपनों ने भी उससे मुंह मोड़ ल

तीन दिन की बच्ची को हॉस्पिटल में छोड़कर भाग गए थे पैरेंट्स

क्रिटिकल कंडीशन में चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती, होगा ऑपरेशन

PRAYAGRAJ: इस बच्ची से शायद भगवान भी रूठा हुआ था। तभी तो पैदा होने के साथ ऐसी बीमारी दे दी जिसके चलते उसकी जिंदगी खतरे में पड़ गयी है। इसी के चलते अपनों ने भी उससे मुंह मोड़ लिया। रामबाग के निजी नर्सिग होम पहुंची थी तब उसकी उम्र कुल जमा तीन या चार दिन थी। लेकर आने वाले भी ठीक-ठाक फैमिली से बिलांग करते थे। काउंटर पर पर्चा बनवाया और डॉक्टर को दिखाने भी पहुंचे। बच्ची की बीमारी के बारे में पता चल गया तो डॉक्टर के सामने ऐसा कुछ महसूस होने नहीं दिया कि कुछ गलत करने वाले हैं या उनकी नीयत में कोई खोट है। एडमिट करने की बात आयी तो चंद सेकंड में लौटना बताकर अस्पताल से निकले तो हवा हो गये। अब बच्ची की जान पर बच आयी है। मदद के लिए अनाथालय की पहल पर पुलिस मित्र सामने आये हैं। ब्लड डोनेट करके उन्होंने बच्ची को बचाने की पहल कर तो दी है।

चार दिन की थी जब पहुंचे थे अस्पताल

रामबाग में स्थित प्राइवेट हॉस्पिलटल की डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को लेकर आने वालों ने अस्पताल में जो पर्चा बनवाया था उस पर नाम पता सब गलत लिखा था। डॉक्टर को दिखाने के बाद उन्होंने बच्ची को वहीं छोड़ा और यह कहते हुए चले गए कि नीचे से कुछ कागजात लेकर आते हैं। इसके बाद वे नहीं लौटे। तब बच्ची की उम्र बमुश्किल तीन या चार दिन रही होगी। काफी देर बाद तक बच्ची के पैरेंट्स नहीं लौटे तो हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने जिला प्रोबेशन अधिकारी ने उसे सम्पर्क साधा। इसके बाद बच्ची को अनाथालय में लिया गया और फिर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जांच पता चला कि उसके शरीर में स्टूल निकलने का रास्ता नहीं है। इस गंभीर बीमारी के आपरेशन से पहले ब्लड की जरूरत थी। इस पर अनाथालय के लोगों ने पुलिस मित्र आशीष से सम्पर्क किया। आशीष ने दस दिन पहले ही ब्लड डोनेट किया था तो आईजी ऑफिस में साथियों से चर्चा की। इस पर इन्द्रमणि सामने आये। इसके बाद आशीष ने विपुल के साथ ब्लड बैंक जाकरण इन्द्रमणि से रक्तदान करवाया। बच्ची अभी आईसीयू में भर्ती है और जल्द ही उसकी सर्जरी होगी।

ऐसे माता-पिता किसी को न मिलें

अधिकारियों का कहना है कि पिता तो कुपिता हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं होती। लेकिन इस बच्ची के लिए दोनों में से किसी ने सोचने की जहमत नहीं उठाई। यहां तक कि रामबाग स्थित निजी हॉस्पिटल में माता-पिता ने गलत पता लिखवाया था। जब वह छोड़कर गए तो हॉस्पिटल के स्टाफ ने कांटैक्ट करने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब इसकी जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी को दी गई।

आसान नहीं होगी सर्जरी

चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती के दौरान बताया गया कि बच्ची गंभीर बीमारी से ग्रसित है। उसके शरीर में स्टूल निकलने का रास्ता डेवलप नहीं है। पेट के जरिए उसका मल बाहर निकाला जा रहा है। ऐसे में उसकी सर्जरी की जानी है। गुरुवार को उसे ब्लड चढ़ाया जा रहा था। फिलहाल वह आईसीयू में एडमिट है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

डॉक्टर्स का कहना है कि नवजात पूरी तरह से स्थिर है। उसकी सर्जरी होनी है। उसके शरीर में स्टूल निकलने की जगह नहीं है। ऐसे में पेट से बाईपास किया जा रहा है। ब्लड की कमी थी जो पुलिस मित्र के जरिए पूरी कर दी गई है।

-पंकज मिश्रा,

जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive