-एंटरटेनमेंट हब बना परेड ग्राउंड, खादी और हस्तशिल्प के सामानों का सजा बाजार

-स्ट्रीट फूड्स से लेकर देशी जायकों के स्टॉल्स पर उमड़ रहे लोग

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PRAYAGRAJ: अगर आप खाने-पीने के साथ शॉपिंग के साथ शौकीन हैं तो माघ मेल एरिया में परेड ग्राउंड आपके लिए सेंटर ऑफ अट्रैक्शन हो सकता है। यहां एक तरफ देशी अंदाज वाले दमालू, गुड़ की जलेबी और अन्य ट्रेडिशनल फूड्स के स्टॉल लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ चाइनीज और स्ट्रीट फूड्स भी लोगों को लुभा रहे हैं। इसके साथ ही यहां पर लगे हैं ढेरों शॉपिंग स्टॉल्स, जहां स्ट्रीट मार्केट में बिकने वाले सामानों से लेकर ब्रांडेड आइटम्स की भरमार है।

खरीदारी का उठा रहे लुत्फ

माघ मेले में पुण्यलाभ के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ रहा है। संगम स्नान के बाद मंदिरों में पूजन और दर्शन का कार्यक्रम चल रहा है। वहीं इन सबसे फुरसत पाने के बाद श्रद्धालु शॉपिंग और एंटरटेनमेंट का भी लुत्फ लेना चाहते हैं। इसके लिए वह रुख कर रहे हैं परेड ग्राउंड का। इस परेड ग्राउंड में अलग-अलग किस्म के ढेरों स्टॉल्स लगे हुए हैं। यहां पर लोग जरूरत और सजावट की चीजों को खरीद रहे हैं। साथ ही एंटरनेमेंट के लिए भी यहां पर ढेरों ऑप्शंस का इंतजाम है।

कुछ खास है खादी प्रदर्शनी

आज मार्केट में ब्रांडेड विदेशी कंपनियों के कपड़ों की भरमार है, लेकिन खादी का अलग ही महत्व है। खादी के प्रति लोगों के बढ़ते लगाव को देखते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग ने 2011 के बाद इस बार 2020 के माघ मेले में खादी प्रदर्शनी लगाई गई है। इस खादी प्रदर्शनी की खास बात यह है कि इसमें पूरे देश से खादी ग्रामोद्योग आयोग से जुड़ी संस्थाओं को बुलाया गया है। यहां पर खाली के कुल 216 स्टॉल लगाए गए हैं। यहां पर कपड़ों के साथ ही हस्तकरघा उद्योग के भी कई सामान मिल जाएंगे।

सजा है हस्तशिल्प बाजार

खादी ग्रामोद्योग आयोग की प्रदर्शनी के साथ ही परेड ग्राउंड में संगम शिल्प महोत्सव बाजार लगाया गया है। यहां पर ग्रामोद्योग हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट एक्सपो के साथ ही बुक फेयर भी लगाया गया है। इसके अलावा सड़क पर खिलौनों और अन्य क्रिएटिव आइटम्स की भरमार है।

खादी अब ट्रेडिशनल ड्रेस नहीं रह गया है। खादी भी फैशन के साथ आगे बढ़ रहा है। महंगे-महंगे ब्रांडेड कपड़ों के बीच खादी कपड़ों की फीलिंग कुछ अलग ही आती है, जो अन्य ब्रांडों से काफी सस्ता पड़ता है।

जेपी श्रीवास्तव

मैं देशी हूं और देशी चीजों को ज्यादा पसंद करता हूं। इसीलिए बड़े-बड़े शोरूमों में खरीददारी की अपेक्षा सड़क किनारे लगने वाले बाजारों से ज्यादा खरीददारी करता हूं। माघ मेले में खरीददारी का अलग ही आनंद है, जहां सब कुछ देशी आइटम मिल रहा है।

ब्रह्मानंद तिवारी

परिवार और काम की जिम्मेदारियों के बीच जब भी समय मिलता है, माघ मेला की तरफ आ जाता हूं। वह भी अकेले नहीं, बल्कि पूरी फैमिली के साथ। क्योंकि यहां बड़े-बूढ़ों से लेकर बच्चों तक सब के लिए कुछ न कुछ जरूर है।

गौरव पांडेय

सड़क किनारे और मैदान में लगने वाले दुकान ही माघ मेले की जान हैं, जिससे हम आज से नहीं, बल्कि बचपन से जुड़े हैं। मेले को न सिर्फ इंज्वाय करते हैं, बल्कि पूरी तरह से जीते हैं। चाट, पकौड़ी के साथ ही दमालू और गुड़ की जलेबी का भी पूरा आनंद लेते हैं।

अनुज तिवारी

Posted By: Inextlive