इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दिया निर्देश

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को याची की ग्राम विकास अधिकारी भर्ती की ओएमआर शीट की मूल व कार्बन कॉपी 25 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस एमके गुप्ता ने आजमगढ़ के अभिजीत सिंह की याचिका पर दिया है। ओएमआर शीट में भिन्नता होने के कारण आयोग ने याची पर तीन वर्ष के लिए परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दिया है, जिसे याचिका में चुनौती दी गयी है।

सुनवाई का मौका नहीं दिया

याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने बहस किया। इनका कहना है कि याची पर एक पक्षीय प्रतिबंध लगाया गया है। 2018 की भर्ती में 1952 अभ्यर्थियों को अर्ह घोषित किया गया है। लेकिन, उसमें याची का नाम नहीं है। इस मामले में लखनऊ के विभूति खंड थाने में 31 अगस्त 2019 को धोखाधड़ी व अन्य आरोपों में एफआइआर दर्ज करायी गयी है। इसके अनुसार 215 अभ्यर्थियों में से 136 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट की ट्रेजरी व आफिस कॉपी में 10 प्रतिशत अंकों का अंतर पाया गया है। फिर बिना सुनवाई का मौका दिए याची को तीन वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। जो नैसर्गिक सिद्धांत के विपरीत व मनमानापूर्ण है।

Posted By: Inextlive