सीबीसीआईडी कार्यालय से सम्बद्ध कर दिये गये थे एसएचओ

ALLAHABAD: हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के एडीएम और रिटायर्ड कर्नल के बीच हुए विवाद में एसएचओ मनीष सक्सेना को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी आदेश पर रोक लगा दी है। एसएचओ को इस विवाद के चलते सीबीसीआईडी कार्यालय लखनऊ से अटैच कर दिया गया था। उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। एसएचओ मनीष सक्सेना की याचिका पर जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की।

याची का कोई दोष नहीं

याची के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने कहा कि याची का इस मामले में कोई दोष नहीं है। उसने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। एडीएम और रिटायर्ड कर्नल के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया, जिसकी वजह से याची 25 अगस्त 2018 को लखनऊ सीबीसीआईडी कार्यालय से अटैच कर दिया गया। कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्षों से जवाब तलब किया है। गाजियाबाद में पीसीएस अफसर हरीश चंद्रा और रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र प्रताप चौहान के बीच लैट के छज्जे के निर्माण को लेकर विवाद हुआ था। हरीश चन्द्र ने इस मामले में एससीएसटी एक्ट और मारपीट का मुकदमा रिटायर्ड कर्नल के खिलाफ दर्ज करा दिया। जिसकी वजह से पुलिस ने कर्नल को जेल भेज दिया था। बाद में मामला गरमाने पर एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनको लखनऊ से अटैच कर दिया गया।

Posted By: Inextlive