एडवोकेट रोल में शामिल सदस्य ही हाइ कोर्ट बार के चुनाव में कर सकेंगे मतदान

हाइ कोर्ट के फैसले से 1600 अधिवक्ता हो जाएंगे मतदाता सूची से बाहर

कोर्ट ने चुनाव की तिथि परिवर्तित करने से किया इंकार

ALLAHABAD: मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद क्म्00 अधिवक्ता हाइ कोर्ट बार के क्9 मई को होने वाली चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि वे रेग्युलर प्रैक्टिशनर नहीं हैं। चुनाव में वही वकील मतदान कर सकेंगे जिनका नाम एडवोकेट रोल में दर्ज हैं। इस संबंध में दाखिल याचिका पर फैसला देते हुए कोर्ट ने यह व्यवस्था दी है। कोर्ट ने मतदाता सूची से उन वकीलों का नाम हटाने का आदेश दिया है जिनका नाम रोल पर नहीं है। कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारियों को ब्8 घंटे में मतदाता की जांच कर उनका नाम हटाने को कहा है और मतदाता आपत्तियों का निस्तारण करते हुए क्7 मई शाम भ् बजे तक अंतिम मतदाता सूची जारी करने का आदेश दिया है ताकि क्9 को चुनाव संपन्न हो सके।

चीफ जस्टिस की खंड पीठ का आदेश

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा व वेद प्रकाश पांडेय की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का आदेश निर्वाचन अधिकारियों, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएमए काजमी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी श्रीवास्तव की सहमति से दिया है। इससे पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव ने क्0 दिन का समय मांगा था। कोर्ट ने चुनाव टालने से मना कर दिया तथा विवादित मतदाता सूची को बाई लॉज के उपबंधों के तहत दुरुस्त करने का आदेश दिया। याचिका पर अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव, वाईडी शर्मा, वीएस चौहान, वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह व वीके श्रीवास्तव ने बहस की। निर्वाचन अधिकारियों के अलावा एल्डर कमेटी के अधिवक्ता यशवंत वर्मा तथा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी राधाकांत ओझा ने कोर्ट में पक्ष रखा। कोर्ट के इस आदेश से कुछ प्रत्याशियों पर भी गाज गिर सकती है, जिनका नाम रोल पर नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट में रेग्यूलर प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता ही बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ सकते हैं और इन्हीं को ही मताधिकार प्राप्त है। प्रैक्टिसिंग एडवोकेट वही है जो वकालत के अलावा अन्य कोई व्यवसाय न करता हो।

न्यायिक कार्य में अवरोध मतलब वादकारी को न्याय से वंचित करना

कोर्ट ने कहा है कि बार के सदस्यों व पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह कोर्ट के न्याय देने की प्रक्रिया में सहयोग करें। न्यायिक कार्य में अवरोध उत्पन्न करना वादकारी को न्याय देने से वंचित करना है। कोर्ट ने कहा है कि बार व बेंच एक छत के नीचे काम करने वाली संस्था है, जिसमें वास्तविक सदस्यों का होना जरूरी है।

नहीं हो सका दक्षणा भाषण

चुनाव को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के चलते क्ब् मई को होने वाला दक्षता भाषण नहीं हो सका। अब यह क्भ् मई को प्रात: क्0 बजे से शुरू होगा। दक्षता भाषण पुस्तकालय हाल में होगा जिससे सभी प्रत्याशी अपनी योजनाएं व पक्ष रखेंगे।

Posted By: Inextlive