विश्वविद्यालयों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रोकने के आदेश पर कोर्ट ने मांगी जानकारी, सुनवाई 30 को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों सहित प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक की वैधता की चुनौती याचिका पर केंद्र सरकार व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जानकारी मांगी है। और याचिका को सुनवाई के लिए 30 नवम्बर को पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने गोरखपुर के अखिल मिश्र की याचिका पर दिया है। याचिका पर केंद्र सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने पक्ष रखा। याची का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने रखा।

याचिका के तथ्य

2017 में दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की

18 जुलाई 18 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने परिपत्र जारी कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को निर्देश दिया कि वह भर्तियों पर रोक लगाये

यूजीसी ने भी 19 जुलाई 18 को सभी विश्वविद्यालयों व राजकीय वित्त पोषित शिक्षण संस्थानों को शिक्षक भर्ती न करने तथा चालू भर्ती को स्थगित करने का आदेश दिया है

इसके चलते गोरखपुर विश्वविद्यालय की भर्ती रोक दी गयी है

केंद्र सरकार का कहना है कि भर्ती में आरक्षण मुद्दे को लेकर विवेकानंद तिवारी की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है

इस पर फैसला आने तक भर्तियां रोकी जाय

मंत्रालय के पत्र के बाद यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों को शिक्षकों की जारी भर्ती सहित नई भर्ती प्रक्रिया रोकने का निर्देश दिया है

याची का कहना है कि पात्रों को शिक्षा पाने का मूल अधिकार है

किसी तकनीकी वजह से भर्तियां रोक कर शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा सकता

Posted By: Inextlive