PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मिर्जापुर के जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य नसीम अहमद के निलम्बन पर रोक लगा दी है और बीएसए को पत्रावली के साथ 26 नवम्बर को तलब किया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने राजेश कुमार सिंह अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद दिया है। याची नसीम अहमद का कहना है कि यूनिसेफ की टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया और याची को छात्रों के लिए मिली पुस्तके, जूते व मोजे न बांटने का आरोप लगाते हुए कर्तव्य पालन में लापरवाही का दोषी करार दिया याची का कहना है कि 26 सितम्बर 18 को किताबें स्कूल में आयी 27 सितम्बर 18 को टीम ने निरीक्षण किया। गणित की पुस्तक 5 अक्टूबर को मिली। इसके लिए उसे दोषी ठहराना उचित नहीं है। याचिका की सुनवाई 26 नवम्बर को होगी।

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बिना योग्यता के प्रोन्नति मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्णय लेने का निर्देश

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र माध्यमिक शिक्षक निदेशक इलाहाबाद को निर्देश दिया है कि वह दोनों पक्षो को सुनकर याची की विपक्षी राजू मालवीय की प्रोन्नति की वैधता के विरुद्ध शिकायत पर चार माह में निर्णय ले।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने जोगेन्द्र कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता केपी शुक्ल व अनुराग शुक्ल ने बहस की। याची का कहना है कि क्षेत्रीय स्तरीय कमेटी ने जनता जनार्दन इंटर कालेज बसेरा, मुजफ्फरनगर में याची को अंग्रेजी व विपक्षी को हिन्दी विषय के लेक्चरर पद पर प्रोन्नति दी। प्रबन्ध समिति ने विपक्षी को ज्वाइन करा लिया किन्तु याची को नहीं कराया तो उसने हाई कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्देश पर देर से ज्वाइन कराया गया याची ने शिकायत की कि विपक्षी लेक्चरर पद पर प्रोन्नति की योग्यता नहीं रखता। विपक्षी ने ईआईआईएलएम सिक्किम विश्वविद्यालय से एमए किया है। इस संस्था को यूजीसी से मान्यता ही नहीं है। ऐसे में विपक्षी की डिग्री मान्य नहीं है। उसकी प्रोन्नति नियमानुसार नहीं है।

Posted By: Inextlive