राज्य सरकार को एक माह में दुर्घटना दावा अधिकरण गठित करने का निर्देश

चेतावनी, अधिकरण नहीं बना तो हाइ कोर्ट अपने जज लेगा वापस, 2 जनवरी को कार्यवाही रिपोर्ट तलब

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाहन दुर्घटना अधिनियम के तहत राज्य सरकार को स्वतंत्र अधिकरण तथा नार्कोटिक्स एक्ट के तहत विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि 2 जनवरी 19 तक यह कार्रवाई पूरी नहीं की जाती है तो हाईकोर्ट अपने न्यायिक अधिकारियों को दावे तय करने के काम पर वापस लेने पर विचार करेगा।

जजों पर अतिरिक्त बोझ

कोर्ट ने कहा कि दावा अधिकरणों का कार्य अपर जिला जजों द्वारा अपने काम के अतिरिक्त किया जा रहा है। काम का भारी बोझ होने के कारण वे नियमित मुकदमे तय नहीं कर पा रहे हैं। अधिनियम के तहत राज्य सरकार का दायित्व है कि वह स्वतंत्र अधिकरणों का गठन करे। सरकार मांगेगी तो हाईकोर्ट पीठासीन अधिकारी देगा। किन्तु, अधिकरणों का गठन न कर न्यायिक अधिकारियों पर काम का बोझ डालना उचित नहीं है। इसी तरह कोर्ट ने नार्कोटिक्स ऐक्ट के तहत विशेष अदालते गठित करने की समयबद्ध कार्ययोजना मांगी है। सरकार द्वारा अधिकरण व विशेष अदालतें गठिन न करने से अधीनस्थ न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों को बिना स्टॉफ व सुविधाओं के अतिरिक्त कार्य करना पड़ रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई की तिथि 2 जनवरी 19 को कृत कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर, जस्टिस बीके नारायण तथा जस्टिस सुनीता अग्रवाल की फुल बेंच ने स्वत: प्रेरित जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया

हाईकोर्ट में निजी सचिव, पीठ सचिव कैडर व स्टॉफ में वृद्धि करने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है

राज्यपाल ने 10 जुलाई 14 को एक न्यायाधीश पर 3 स्टॉफ, 2 निजी सचिव व एक अपर सचिव या वैयक्तिक सहायक दिये जाने पर सहमति दी है

पीठ सचिवों के मामले में सरकार ने एक न्यायाधीश पर 2 पीठ सचिव व 5 फीसदी अतिरिक्त पीठ सचिव पर सहमति दी है। इसे बढ़ाकर एक पर तीन करने पर विचार हो रहा है

कार्यालय कैडर में वृद्धि पर विचार हो रहा है। सरकार ने बताया कि ड्राइवर, चपरासी, जमादार आदि चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की संख्या बढ़ायी जायेगी

सरकार की तरफ से बताया गया कि दुर्घटना दावा अधिकारियों के गठन के लिए हाई पावर कमेटी गठित कर दी गयी है जो विचार कर रही है

74 जिलों में 78078 वाहन दुर्घटना दावे विचाराधीन हैं

Posted By: Inextlive