हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार व ओडी फोर्ट के कमांडेंट से मांगा जवाब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अक्षयवट पातालपुरी मंदिर में परिवर्तन करने के खिलाफ याचिका पर केंद्र सरकार ओडी फोर्ट के कमांडेंट से जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस अभिनव उपाध्याय तथा विवेक वर्मा की खण्डपीठ ने अक्षयवट मंदिर किला प्रयाग के सचिव रवीन्द्र नाथ योगेश्वर व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका का विरोध भारत सरकार के अधिवक्ता सभाजीत सिंह ने किया।

औरंगजेब ने हटाया था जजिया कर

याची का कहना है कि गंगा-यमुना मुहाने पर जलालुद्दीन अकबर ने किले का निर्माण कराया। जिसके अंदर बने पातालपुरी मंदिर में पूजा का अधिकार याची के पूर्वजों को सौंपा तभी से वे पूजा अर्चन करते आ रहे हैं। इसके चढ़ावे से 500 परिवार पल रहे हैं। अब रक्षा मंत्रालय पातालपुरी मंदिर को दिगम्बर जैन पद चिन्ह के रूप में विकसित किया जा रहा है। याची के पूर्वजों को 1795 में शाह आलम द्वितीय ने आदेश जारी कर मान्यता दी। औरंगजेब ने जजिया कर मुक्त कर दिया था। आजादी के बाद सेना के अधिपत्य में आने के बाद भी याची के परिवार के लोग पूजन करते आ रहे हैं। कुंभ मेले में सुधारों के चलते मंदिर में बदलाव कर याची के अधिकार छीनने का प्रयास हो रहा है। याचिका में स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्माचारी जी को पक्षकार बनाया गया है।

Posted By: Inextlive