कड़ी टिप्पणी: केस पॉलिसी पर सरकार खुद सीरियस नहीं

हाई कोर्ट का निर्देश, इलाहाबाद-लखनऊ महाधिवक्ता कार्यालय की कार्य दशा सुधारें

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राज्य विधि अधिकारियों को सुविधाएं उपलब्ध न कराकर सरकार अपनी ही केस पॉलिसी का उल्लंघन कर रही है. इससे सरकार खुद के साथ वादकारियों का भी नुकसान कर रही है. कमजोर पैरवी से न्याय देने की प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. यह टिप्पणी जस्टिस एसपी केसरवानी ने मंगलवार को एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान की. कोर्ट ने राज्य सरकार को इलाहाबाद व लखनऊ स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में मूलभूत सुविधाएं और स्टॉफ 30 जून तक मुहैया कराने का निर्देश दिया है.

यूपी स्टेट की प्रथम अपील पर सुनवाई

जस्टिस एसपी केशरवानी की कोर्ट उत्तर प्रदेश राज्य की प्रथम अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. अपील की सुनवाई के दौरान मांगी गयी जानकारी उपलब्ध न करा पाने के कारण कोर्ट ने सरकार को महाधिवक्ता कार्यालय की कार्य दशा में सुधार लाने का निर्देश दिया था और हलफनामा मांगा था. राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह व अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव ने प्रमुख सचिव न्याय डीके सिंह का हलफनामा दाखिल कर बताया कि महाधिवक्ता द्वारा भेजा गया प्रस्ताव अपूर्ण है. कोर्ट ने सरकार के लचर रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार की ठीक से काम करने की मंशा ही नही है. राज्य वाद नीति के खिलाफ काम कर रही है. सुविधाओं की कमी के कारण मुकदमों की सुनवाई में अनावश्यक देरी हो रही है.

ब्यौरा ही नहीं दिया

कम्प्यूटर स्कैनर व सहवर्ती उपकरण के लिए प्रोग्रामर क्या होगा

डाटा बेस, एडमिनिस्ट्रेटर, सहायक, प्रोग्रामर, डाटा इंट्री ऑपरेटर के वेतनमान व भर्ती श्रोत की डिटेल

सभी विभागों के अपर मुख्य, प्रमुख सचिवों व सचिवों को ई-मेल पते अपडेट नहीं

Posted By: Vijay Pandey