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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज मीरगंज मुहल्ले में देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही में याचियों के मकान को जब्त करने के आदेश को रद कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि एक साल अधिकतम तीन साल तक ही मकान जब्त किया जा सकता है. तीन वर्ष की अवधि के बाद जब्ती स्वत: अस्तित्वहीन हो गयी है.

ख्0 अप्रैल ख्0क्म् में जब्त हुआ था मकान

यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल तथा आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने सत्यभामा, कृष्णा व तारा की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व चन्द्रेश मिश्र ने बहस किया. याचीगण का कहना है कि छापे के बाद एसडीएम सदर ने ख्0 अपै्रल ख्0क्म् को मकान की जब्ती का आदेश दिया और याचियों को बेदखल कर दिया. अधिनियम की धारा-क्8 के अन्तर्गत एक साल के लिए मकान सीज किया जा सकता है. यदि नाबालिग की बरामदगी हुई हो तो ही मकान फ् साल के लिए सीज कर सकता है. याचीगण के मकानों से नाबालिग की बरामदगी नही की गयी है. जो भी बरामदगी हुई है वह एक मई क्म् के बाद हुई है. कोर्ट ने जब्ती अवधि बीत जाने के बाद आदेश रद कर दिया है.

Posted By: Vijay Pandey