हाई कोर्ट ने कहा, नए सिरे से तैयार करें जोनल प्लान

प्लान तैयार होने तक रेजीडेंशियल एरिया के कॅमर्शियल यूज की अनुमति देने पर रोक

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जिन लोगों ने रेजीडेंशियल एरिया में कॅमर्शियल काम्पलेक्स डेवलप कराया पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं की, उन भवनो पर बड़ा खतरा आने वाला है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐसे सभी भवनों को नोटिस देकर सील कर देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को मास्टर प्लान के तहत नए सिरे से जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार न होने तक रेजीडेंशियल एरिया में किसी प्रकार की कॅमर्शियल एक्टिविटी में इनवाल्व होने वाली बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की अनुमति नहीं देने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि नया जोनल प्लान तैयार होने तक रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक भवनों के नक्शे पास न किये जाएं।

कम्पाउंडिंग व इंपैक्ट फीस के खिलाफ याचिका

यह आदेश जस्टिस प्रदीप कुमार सिंह बघेल व जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने राजेंद्र प्रसाद अरोड़ा व दो अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका में 50 लाख 62 हजार 774 रुपये की टैक्स वसूली को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को याची के प्रत्यावेदन को निर्णीत करने का निर्देश दिया है। बता दें कि लालबहादुर शास्त्री मार्ग प्रयागराज की नजूल भूमि को फ्री होल्ड घोषित कर दिया गया था। जिसका बैनामा 11 दिसंबर 2009 को हो गया था। इस पर कंपाउंडिंग केलिए 21,61,086 रुपये और इंपैक्ट फीस के लिए 33,04,148 रुपये की वसूली नोटिस जारी की गयी थी। इसे याचिका में चुनौती दी गई। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रविकांत व एसके गर्ग तथा पीडीए की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने बहस की।

हाई कोर्ट ने कहा

प्रयागराज शहर में लागू मास्टर प्लान के तहत जोनल प्लान पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण पुनर्विचार करे।

स्टेट गवर्नमेंट व डीएम 2001 के मास्टर प्लान के तहत पार्क, खुले मैदान के रूप में घोषित भूमि पर किसी प्रकार के भवन निर्माण की अनुमति न दें

यदि निर्माण कराया जा चुका है तो उसे हटाकर छह माह में पार्क बहाल किया जाए।

कोर्ट ने कहा कि पूरे विश्व में सबसे अधिक प्रदूषित 10 शहरों में प्रयागराज भी शामिल है। यह स्थिति चिंताजनक है।

मास्टर प्लान के विपरीत रिहायशी इलाकों में मनमाने तौर पर व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दी जा रही है। जो जनस्वास्थ्य के लिए घातक है। इससे लोगों को मिलने वाली स्वच्छ वायु, स्वच्छ पर्यावरण व गरिमापूर्ण जीवन के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।

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पीडीए ने बंद कर रखी है आंख

कोर्ट ने कहा कि नजूल भूमि पर बहुत से पार्क और खुले मैदानों को फ्री होल्ड करके वहां बिल्डिंग बनाई गई है। पार्किग न होने से शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इससे लोग वाहन सड़क पर बेतरतीब से खड़ा करके यातायात में समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। फिर भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। इससे स्थिति लगातार खराब हो रही है। कोर्ट ने कहा कि धारा 8 व 9 के तहत नए सिरे से शहर का जोनल प्लान बनाया जाए। जब तक प्लान नहीं बन जाता, तब तक किसी भवन का नक्शा पास न किया जाए।

Posted By: Inextlive