अतिक्रमण हटाने के खिलाफ याचिका खारिज
दिल्ली-आगरा नेशनल हाइवे को जोड़ने वाले आगरा बाईपास का हो रहा चौड़ीकरण
प्राधिकरण के अफसरों संग पैमाइश कराएं डीएम-हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाले आगरा बाईपास के चौड़ीकरण में अतिक्रमण हटाने के 2िालाफ दा2िाल याचिका 2ारिज कर दी है। कोर्ट ने डीएम आगरा को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ न1शे के अनुसार पैमाइश कराएं और छह लेन सड़क बनाने के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत हो तो मुआवजे का 5ाुगतान कराएं। 1955 में हुआ था जमीन का अधिग्रहणयह आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता और जयंत बनर्जी की 2ांडपीठ ने राजकुमार गर्ग व 23 अन्य की याचिका पर दिया है। प्राधिकरण की तरफ से अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने प्रतिवाद किया। लोक निर्माण वि5ाग ने सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दी है। याचियों पर सड़क की जमीन पर अतिक्रमण कर आवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाने का आरोप है। मालूम हो कि 1955 में आगरा बाईपास के लिए याची की जमीन अधिग्रहीत की थी। सड़क पहले टू-लेन थी फिर फोर-लेन हुई। अब यह सड़क छह लेन की बनाई जा रही है। याचियों पर दो से पांच मीटर तक अतिक्रमण करने का आरोप है। जबकि याची का कहना है कि उन्होंने अतिक्रमण नहीं किया है, पैमाइश करा ली जाए। अतिरिक्त जमीन ली जाती है तो उसका मुआवजा दिया जाए।