याचिका में बरेली संसदीय क्षेत्र से संतोष ्रगंगवार के निर्वाचन को दी गई थी चुनौती

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली के सांसद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के विरुद्ध दाखिल चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में ऐसा कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि संतोष गंगवार ने चुनाव जीतने के लिए अनुचित साधनों का प्रयोग किया था। याचिका तथ्यहीन होने के आधार पर खारिज कर दी गई।

याचिका में आरोप ही स्पष्ट नहीं

यह आदेश जस्टिस नाहिद आरा मुनीस ने निर्दलीय प्रत्याशी राकेश अग्रवाल की चुनाव याचिका पर दिया है। याचिका में बरेली सांसद के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी। याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति करते हुए अधिवक्ता सुबोध कुमार व उदित चांदनी ने कहा कि चुनाव याचिका में लगाए गए आरोप स्पष्ट होने चाहिए। याचिका की सुनवाई वैधानिक प्रक्रिया के तहत की जाती है। यह सामान्य नियमों और समानता के नियम के आधार पर नहीं सुनी जा सकती है।

कांग्रेस प्रत्याशी को रिश्वत देने का आरोप

याचिका में आरोप लगाया गया था कि संतोष गंगवार ने बरेली से कांग्रेस के प्रत्याशी को एक करोड़ रुपए रिश्वत दी। साथ ही अन्य मुस्लिम उम्मीदवारों को भी भारी मात्रा में धनराशि दी गई। इसके साथ ही उन्होंने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए भी अनुचित साधनों का प्रयोग किया। उन्हें खाना और मदिरा जैसी चीजें दी गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि याची द्वारा लगाए गए आरोप में कोई तथ्यात्मक बल नहीं है। इसे विशेष रूप से स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि उन्होंने किससे और कैसे रिश्वत दी। इसी प्रकार से अनुचित साधनों के मामले में भी कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं दिया जा सका। कोर्ट ने कहा कि आरोपों को साबित करने का भार याचिकाकर्ता पर होता है। वह साबित नहीं कर सका।

Posted By: Inextlive