इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक अधिकारी इंडोनेशिया से लौटकर काम पर आए तो कर्मचारियों ने ऐतराज जताते हुए आपत्ति दर्ज करायी। हाईकोर्ट के कर्मचारी उनके साथ काम करने को तैयार नहीं थे।

प्रयागराज (ब्यूरो)निबंधक शिष्टाचार ने उन्हें कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजा। जांच में निगेटिव पाए जाने की खबर है, फिर भी उन्हें निगरानी में रखने का फैसला लिया गया है। एक यह मुद्दा और दूसरे बाहरी लोगों के बड़ी संख्या में हाईकोर्ट आने के कारण हाईकोर्ट (इलाहाबाद-लखनऊ) तीन दिन के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है। इसके चलते 19, 20 और 21 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में काम नहीं होगा।

चीफ जस्टिस ने दी मंजूरी

जस्टिस बीके नारायण की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का सुझाव मिला तो चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने प्रस्तावों पर काम करने की अनुमति दे दी। तय किया गया है कि अवकाश के दिनों में पूरे कैंपस को सेंसेटाइज किया जायेगा। यह फैसला भी लिया गया है कि इस बंदी की भरपाई भी की जाएगी। इसके लिए बंदी के दिनों चार अप्रैल के अलावा एक व दो जून को हाईकोर्ट में सामान्य कामकाज होगा। हाई कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश तीन अप्रैल से शुरू होगा।

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट भी तीन दिन बंद, डेट की गयी शिफ्ट

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, जनपद न्यायालय ने बताया है कि जिला कचहरी के न्यायालयों में 19 मार्च को नियत वादों की सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। 20 मार्च को नियत वाद 21 अप्रैल और 21 मार्च के बाद 22 अप्रैल को सुने जाएंगे।

'एडवोकेट्स रोल' के फार्म 23 मार्च तक करें जमा

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने बताया है कि उच्च न्यायालय द्वारा कोरोना वायरस को लेकर जारी आदेशों, जिसके अनुसार एक स्थान पर भीड़ एकत्र होने के लिये शासकीय स्तर पर लगातार मना किया जा रहा है, के दृष्टिगत जिन अधिवक्तागण के 'एडवोकेट्स रोल' के फार्म जमा नहीं हुये हैं, वे 23 मार्च तक जमा कर सकते हैं। बता दें कि पूर्व में दो दिनों की अवधि बढ़ायी जा चुकी है। उन्होंने कहा है कि 23 मार्च के बाद कोई फार्म स्वीकार नहीं किया जायेगा।

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Posted By: Prayagraj Desk