इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाई जाय। कोर्ट ने इस मामले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट) की धारा 27 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

बीएलओ का काम लेने पर याचिका

शिक्षकों से बीएलओ का काम लिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने याचीगण को संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह शिक्षकों का प्रत्यावेदन नियमानुसार निस्तारित करें और आरटीई एक्ट के प्रावधानों से इतर उनसे कोई काम न लिया जाय।

बीएसए के समक्ष रखें अपनी बात

अनुराग सिंह और 17 अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याचिका पर अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा ने पक्ष रखा। याचीगण का कहना था कि परिषद और प्रदेश के अधिकारी उनसे ड्यूटी बीएलओ और अन्य तमाम गैर शैक्षणिक कार्य ले रहे हैं। अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 और इस संबंध में बनी नियमावली के नियम 21 (3) में साफ प्रावधान है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जा सकते हैं। कोर्ट ने याचीगण को निर्देश दिया है कि वह अपनी शिकायत संबंधित जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष रखें और अधिकारी उस पर आरटीई एक्ट की धारा 27 के प्रावधानों के मद्देनजर निर्णय लें।

Posted By: Inextlive