कोर्ट ने ब्लैकमेलिंग के आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, सुनवाई 10 जुलाई को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पोर्न साइट पर आपत्तिजनक वीडियो डालकर ब्लैकमेल करने व धोखाधड़ी करने के आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और याचियों को पुलिस विवेचना में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह जानकारी मांगी है कि आपत्तिजनक वीडियो किसने पोर्न साइट पर अपलोड किया है क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

कंपनी के अफसर पर आरोप

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने नोएडा गौतम बुद्ध नगर के पवन झुरानी व एक अन्य की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि एक महिलाकर्मी ने एक कंपनी के अधिकारी विवेक कुमार अखिल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई और इस महिला ने नौकरी भी छोड़ दी। इस मामले में आरोपी विवेक कुमार अखिल की हाईकोर्ट गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है।

20 लाख मांगे अपलोड न करने के लिए

आपत्तिजनक वीडियो पोर्न साइट पर अपने ब्लैकमेल करने की धमकी को लेकर विवेक कुमार अखिल ने याचियों के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 20 थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोप लगाया है कि महिला ने 60 हजार मांगे और एकमुश्त बीस लाख देने पर पोर्ट साइट पर वीडियो अपलोड न करने की ब्लैकमेलिंग की। जिसमें याचियों ने महिला के साथ मिलकर साजिश की। कोर्ट ने कहा कि दोनों मामले जुड़े हैं। इसलिए विवेचना की प्रगति की जानकारी दी जाए और पता लगाए कि वीडियो पोर्न साइट पर किसने अपलोड किया है। सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

Posted By: Inextlive