उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक बेसिक शिक्षकों की भर्ती मामले में फिर रोक लग गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई तय की। यहां जानें क्या है पूरा मामला

लखनऊ (पीटीआई)। उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक बेसिक शिक्षकों की भर्ती का मामला एक बार फिर न्यायालय पहुंच गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई तय की। जस्टिस आलोक माथुर ने यह आदेश रिट याचिकाओं के बैच पर दिया। बता दें कि इसके पहले 6 मई को उत्तर प्रदेश में लंबित 69,000 सहायक बेसिक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था।

69,000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का आदेश दिया

इस दाैरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के प्राथमिक स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए उच्च कट-ऑफ अंक रखने के राज्य सरकार के फैसले की पुष्टि करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के फैसले का स्वागत भी किया था। खास बात तो यह है कि इसके ठीक दूसरे दिन 7 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सप्ताह के भीतर 69,000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का आदेश भी दे दिया था।

सहायक शिक्षकों के पदो के लिए लिखित परीक्षा का आदेश

बता दें कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बगैर टीईटी सहायक अध्यापक पद पर 1,37,517 शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि कि दो भर्तियों में इन्हें अनुभव का लाभ देकर अवसर दिया जाए। इसके छह महीने बाद, 17 जनवरी, 2018 को, सरकार ने 68,500 शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए पहली बार सहायक शिक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा का आदेश जारी किया था।

लिखित परीक्षा में लगभग 7200 शिक्षा मित्र ने अर्हता प्राप्त की

इसके बाद 27 मई को आयोजित लिखित परीक्षा में लगभग 7200 शिक्षा मित्र ने अर्हता प्राप्त की। इन सभी को 68,500 सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती का अवसर मिला। इसके बाद 69,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा 6 जनवरी, 2019 को आयोजित की गई थी, लेकिन कट-ऑफ अंक के बारे में विवाद था और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय 11 महीने में अंतिम उत्तर कुंजी जारी नहीं कर सका।

Posted By: Shweta Mishra