पद्मश्री बाबा योगेन्द्र और समाज सेवी प्रमोद बंसल ने दीप जलाकर किया संस्कार भारती के सांस्कृतिक शिविर का शुभारंभ

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संस्कार भारती के माघ मेला क्षेत्र स्थित सांस्कृतिक पंडाल में आयोजित अवलोकन तीरथराजु चलो रे प्रोग्राम का शुभारंभ दरभंगा बिहार से आए डॉ विपिन मिश्र के वैदिक मंगलाचरण और सुमधुर शंख वादन के साथ हुआ। शिव तांडव और हर हर महादेव के गुंजित स्वरों बीच शंख और डमरू वादन ने आडियंस को बांधे रखा।

गिद्दा-भांगड़ा ने मोह लिया मन

आकाशवाणी की श्रेष्ठ लोकगीत गायिका प्रतिमा मिश्र ने गोरे रंग गंगा, कजर रंग यमुना, नहाए चलौ ना, संगम के बिचवा नहाय चलौ नागाकर पूरा वातावरण निर्मल भावनाओं से भर दिया। प्रतिमा मिश्र के साथ हारमोनियम पर महेश्वर दयाल, तबला पर पंकज श्रीवास्तव, बांसुरी पर रविशंकर, ढोलक पर मनोज भट्ट और लय वाद्य पर किरन कुमार थे। अंत में पटियाला पंजाब से आए तरनजीत सिंह और उनके 16 साथियों ने गिद्दा और भांगड़ा प्रस्तुत करके पूरे पंडाल को नाचने पर मजबूर कर दिया। प्रारंभ में संस्कार भारती के संस्थापक संरक्षक कलाऋषि पद्मश्री बाबा योगेन्द्र, मुख्य अतिथि इंजीनियर एके द्विवेद्वी और विशिष्ट अतिथि समाजसेवी प्रमोद बंसल ने दीप जलाकर कार्यक्त्रम और शिविर का उदघाटन किया। संस्कार भारती की अध्यक्ष कल्पना सहाय ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि आयोजन में केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला और राज्य ललित कला केंद्र, उत्तर प्रदेश का विशेष सहयोग है।

आज होने वाली प्रस्तुतियां

गुरुवार 23 जनवरी को कौशाम्बी के संतोष कुमार और उनके दल द्वारा राजा भतर्ृहरि नौटंकी प्रस्तुत की जाएगी। गौरतलब है कि किला रोड स्थित संस्कार भारती के इस सांस्कृतिक शिविर में 30 जनवरी तक रोज शाम 3 बजे से 6 बजे तक पूर्वोत्तर के राज्यों सहित विभिन्न प्रांतों के कलाकार लोकगीत और लोकनृत्य के कार्यक्त्रम प्रस्तुत करेंगे। 31 जनवरी को विराट कवि सम्मेलन होगा। यहां ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश के सहयोग से जन जन के राम विषयक पेंटिंग प्रदर्शनी भी लगाई गई है। कार्यक्त्रम के संयोजक योगेन्द्र मिश्र और सह संयोजक पंकज गौड़ हैं। संचालन योगेन्द्र मिश्र ने किया। दीपक शर्मा, गिरीश मिश्र, अतुल द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार डॉ प्रदीप भटनागर, पंकज गौड़, डॉ अभिनव गुप्त, रवीन्द्र कुशवाहा, प्रेमलता मिश्र आदि अनेक लोग उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive