-इलाहाबाद म्यूजियम प्रशासन ने पर्यटकों और शहरियों को उपलब्ध कराई कैंटीन

-तीन सौ से अधिक पर्यटकों ने कैंटीन खोलने की रखी थी मांग

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ALLAHABAD: अभी म्यूजियम में केवल ठंडा पानी पीने को मजबूर रहने वाले विजिटर्स अब यहां स्वाद का लुत्फ भी उठा सकेंगे। देश के चार सबसे पुराने नेशनल म्यूजियम में शुमार इलाहाबाद म्यूजियम अपने यहां आने वाले पर्यटकों और शहरियों को कैंटीन की सुविधा दे रहा है। यह कैंटीन धरोहरों को देखने आने वाले तीन सौ से अधिक पर्यटकों की डिमांड पर खोली गई है।

तीस साल बाद फिर खुली कैंटीन

इलाहाबाद म्यूजियम का उद्घाटन देश के पहले प्रधानमंत्री स्व। जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1947 में किया था। यहां 1988 तक कैंटीन की सुविधा दी गई थी। लेकिन उस कैंटीन में पर्यटकों को सिर्फ चाय और ब्रेड व मक्खन की सुविधा ही उपलब्ध कराई गई थी। म्यूजियम के निदेशक डॉ। सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले एक वर्ष में म्यूजियम में तीन सौ से अधिक ऐसे विदेशी पर्यटक आए। उन्होंने म्यूजियम परिसर में उच्च स्तरीय कैंटीन की सुविधा देने की मांग की थी। इसीलिए कैंटीन खोलने का निर्णय लिया गया था।

कैंटीन की खासियत

-कैंटीन में उन्हीं पर्यटकों और शहरियों को इंट्री दी जा रही है जिन्होंने म्यूजियम में प्रवेश के लिए फीस दी होगी।

-मसाला डोसा, सादा डोसा, छोला भटूरा, चाउमीन, कॉफी व चाय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

किस आइटम की कितनी प्राइस

सादा डोसा व मसाला डोसा : 50 रुपए

चाउमीन फुल प्लेट: 50 रुपए

चाउमीन हॉफ प्लेट: 30 रुपए

-छोला भटूरा: 50 रुपए

-ब्रेड व मक्खन: 20 रुपए

-कॉफी: 20 रुपए

-चाय : 10 रुपए

वर्जन

म्यूजियम में आने वाले पर्यटक एक वर्ष से कैंटीन खोलने के लिए डिमांड कर रहे थे। उनकी सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कैंटीन खोली गई है। इसमें एंट्री फीस देने वालों को ही एंट्री देने का निर्णय लिया गया है।

-डॉ। सुनील कुमार गुप्ता, निदेशक इलाहाबाद म्यूजियम

Posted By: Inextlive