-एसआरएन हॉस्पिटल में कई मरीजों ने वेंटिलेटर को कहा बाय अब हो रहे हैं स्वस्थ PRAYAGRAJ: कोरोना को मात देने वालों का हौसला बढ़ रहा है. एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज करा रहे सीरियस मरीजों में दो ने अब तक वेंटिलेटर को हराया है. यह लोग न केवल वेंटिलेटर से वापस आए हैं बल्कि इनमें से एक की रिपोर्ट भी कोरोना

-एसआरएन हॉस्पिटल में कई मरीजों ने वेंटिलेटर को कहा बाय, अब हो रहे हैं स्वस्थ

PRAYAGRAJ: कोरोना को मात देने वालों का हौसला बढ़ रहा है। एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज करा रहे सीरियस मरीजों में दो ने अब तक वेंटिलेटर को हराया है। यह लोग न केवल वेंटिलेटर से वापस आए हैं, बल्कि इनमें से एक की रिपोर्ट भी कोरोना निगेटिव आई है। इनमें से एक पेशेंट मंडल के प्रतापगढ़ जिले की है और दूसरा मरीज प्रयागराज के बहरिया का है। दोनों को सांस लेने में दिक्कत के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया था।

पूरे मंडल में चार की मौत

हालांकि प्रयागराज और प्रतापगढ़ के एक-एक मरीज ने कोरोना को मात दी है लेकिन मंडल के चार मरीजों ने भी वेंटिलेटर पर ही दम भी तोड़ा है। यह लोग वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग हार गए। हालांकि पूरे देश में वेंटिलेटर से लौटने वालों का आंकड़ा अधिक नहीं है। ऐसे में प्रयागराज मंडल के दो गंभीर मरीजों का कोरोना मुक्त होना उम्मीद की किरण जगा रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि मरीजों की मानसिक स्थिति भी उनकी ठीक होने की दशा और दिशा को निर्धारित करती है। दृढ़निश्चय से कई बार मरीज विषम हालात में भी कोरोना से जीत हासिल कर लेता है।

दो ने डायबिटीज को हराया

इसी तरह प्रयागराज के दो मरीजों ने डायबिटीज को हराकर कोरोना से निजात पाई है। यह दोनों महिलाएं हैं। इनमें से एक लूकरगंज के स्वर्गीय इंजीनियर की वाइफ हैं। उनका शुगर लेवल 400 पहुंच गया था। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और पांच बार रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद भी कोरोना को हरा दिया। इसी तरह उनकी मदर इन लॉ ने 85 साल की उम्र होने के बावजूद कोरोना को मात दे दी।

कोरोना को हराने वालों की संख्या बढ़ रही है। वेंटिलेटर से दो मरीजों का लौटना बड़ी बात है। इसी तरह दो मरीजों ने डायबिटीज को भी मात दी है। इससे नए मरीजों का हौसला भी बढ़ता है।

-डॉ। सुजीत वर्मा, मेडिसिन विभाग

Posted By: Inextlive