इलाहाबाद पुलिस का कारनामा, जांच में सामने आई हकीकत

क्लीन चिट पा चुके और जमानत पर छूट चुके लोगों पर भी रखा इनाम

कागज में पिटवा दी डुगडुगी और चस्पा करवा दिया कुर्की का नोटिस

ashutosh। srivastava

@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद पुलिस के कारनामे के बारे में जानेंगे तो आपका दिल भी उसे 'सलाम' करने को करेगा। जिले की पुलिस इतनी 'महान' है कि उसने मुर्दे, क्लीन चिट पा चुके और जमानत पर छूटे लोगों पर भी इनाम घोषित कर रखा है। जब एक-एक इनामिया के बारे में डीआईजी रेंज जितेंद्र कुमार शाही ने अपने स्तर से जानकारी जुटाई तो पुलिस की करतूत का खुलासा हुआ। अब इनाम घोषित कराने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

लंबी है इसकी प्रक्रिया

फर्जी तरीके से इनाम घोषित कराने के तीन मामले सामने आए हैं। केस नैनी, सोरांव व जार्जटाउन थाने के हैं। पुलिस ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया लेकिन सिर्फ कागजों में। हकीकत में न तो पुलिस अपराधी के घर गई, न ही उसके रिश्तेदारों व जानने वालों के घर दबिश डाली गई। जब प्रेशर पड़ा तो अफसरों को अंधेरे में रखकर इनाम घोषित करवा दिया गया। ऐसा इसलिए किया ताकि अरेस्टिंग का प्रेशर खत्म हो जाए। मार्च की फ‌र्स्ट वीक में जब डीआईजी रेंज ने एक-एक इनामी बदमाश का अपने लेवल से सत्यापन करवाया तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इनाम घोषित कराने वाले सब इंस्पेक्टरों को जवाब तलब किया गया है।

1. गाजीपुर जिले के सैदपुर महमूदपुर के हरिनाथ यादव के बेटे प्यारेलाल पर नैनी पुलिस ने 2500 रुपए का इनाम घोषित करवाया था। हरिनाथ नैनी में दर्ज एक मामले में वांछित था। पुलिस के हाथ उसके बारे में तीन साल से कोई सुराग नहीं लग सका था। जब जांच करवाई गई तो पता चला कि इनाम घोषित होने के पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।

2. जार्जटाउन थाने की पुलिस ने बिहार के कैमूर जिले के सरैया के दिलीप यादव के बेटे वीरेंद्र पर डीआईजी से 10 हजार रुपए का इनाम घोषित करवाया था। वीरेंद्र के खिलाफ एफआईआर जार्जटाउन थाने में दर्ज हुई थी। जांच में पता चला कि जिस मामले में वीरेंद्र को खोजा जा रहा है, उसमें उसको इनाम घोषित होने के पहले ही बेल चुकी थी।

3. डकैती के मामले में वांछित प्रतापगढ़ के तौकलपुर राम निवास के बेटे प्रियांशु उर्फ नीलेश के खिलाफ सोरांव पुलिस ने डीआईजी से 10 हजार रुपए का इनाम घोषित करवाया था। हाल में कराई गई जांच में पता चला कि डकैती की मामले की विवेचना सीबीसीआईडी को ट्रांसफर हो गई थी। सीबीसीआईडी ने प्रियांशु को क्लीन चिट दे दी थी। इस बात की हवा तक सोरांव पुलिस को नहीं लगी थी।

यह है प्रक्रिया

- नामजद या जांच में नाम सामने आने के बाद अभियुक्त की अरेस्टिंग के लिए उसके घर व रिश्तेदारों के घर पर दबिश डाली जाती है।

- अपराधी के हाथ न आने पर उसके मुहल्ले में हाजिरी के लिए डुगडुगी बजवाई जाती है। इसके बाद कुर्की का नोटिस चस्पा करवाया जाता है।

- नोटिस पर भी हाजिर न होने पर इनाम रखने का प्रस्ताव एसएसपी के पास भेजा जाता है। बाद में डीआईजी व आईजी इनाम बढ़ाते हैं।

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अफसर इनाम की सीमा

एसएसपी 5000

डीआईजी 10000

आईजी 15000

डीजीपी 50000

शासन 50000 से ऊपर

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प्रकरण गंभीर है। साफ है कि इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स ने फर्जीवाड़ा किया है। अफसरों को अंधेरे में रखकर इनाम घोषित करवाया गया। तीनों प्रकरणों के इन्वेस्टिगेशन अफसरों से जवाब तलब किया गया है।

जितेंद्र कुमार शाही, डीआईजी रेंज

यह हैं इलाहाबाद के टॉप टेन अपराधी

नाम इनाम

1. राजेश यादव 15000

2. जय प्रकाश 15000

3. अतुल पांडेय 15000

4. अच्युतानंद शुक्ला 12000

5. चंद्रकांत उर्फ भोंदू 10000

6. संजय पाठक 10000

7. ज्ञानेंद्र पांडेय 10000

8. अनिल कुमार 10000

9. खलील शेख 10000

10. परमेश्वर उर्फ पंचम 10000

Posted By: Inextlive