प्रयागराज में 150 की किट, 500 एमआरपी और 1000 की जांच
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-डेंगू के नाम पर खुलेआम पब्लिक से चल रही है लूट -कार्ड जांच के लिए 1000 से 1500 रुपए तक की वसूली vineet.tiwari@inext.co.in PRAYAGRAJ: डेंगू की जांच और इलाज के नाम पर लूट मची हुई है। इससे जुड़ा ताजा मामला सामने आया है। पैथोलॉजी द्वारा डेंगू की कार्ड जांच के नाम पर 1000 से 1500 रुपए लिए जा रहे हैं। जबकि इस कार्ड का होल सेल रेट महज 150 रुपए है। एमआरपी 500 रुपए है और जांच इससे कई गुना महंगी है। गजब यह कि इस जांच को अधिकृत भी नहीं माना गया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पैथोलॉजी सेंटर्स से जांच की दरें निर्धारित करने की अपील की है। साथ ही नर्सिग होम्स से उनके यहां भर्ती डेंगू के मरीजों की जानकारी भी देने के निर्देश दिए हैं। दो माह तक लिए जाएं 200 रुपएस्वास्थ्य विभाग को लगातार डेंगू जांच के नाम पर अधिक फीस लिए जाने की शिकायत मिल रही थी। इस पर सीएमओ डॉ। गिरिजाशंकर बाजपेई ने मंगलवार को डेंगू पर बेस्ड वर्कशॉप में पैथोलॉजी सेंटर्स से अपील की। उन्होंने डेंगू के सीजन को देखते हुए अगले दो माह तक कार्ड जांच महज 200 रुपए में करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में पब्लिक को सस्ती जांच उपलब्ध कराने के लिए दूसरे कदम उठाए जाएंगे। वर्कशॉप में सीएमओ के अलावा मेडिकल कॉलेज से डॉ। वत्सला मिश्रा, एचईओ पंकज पांडेय, डॉॅ ओपी भास्कर, डॉ सतेंद्र राय आदि उपस्थित रहे।
नर्सिग होम्स को भी दिए निर्देश वर्कशॉप में मौजूद इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिग होम्स एसोसिएशन के डॉ। सुशील सिन्हा और डॉ। एके सक्सेना से सीएमओ ने नर्सिग होम्स में भर्ती रहे डेंगू के मरीजों की डिटेल भेजने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में ही इस संबंध में लिखित निर्देश पर अमल नहीं किया जा रहा है। इससे पैनिक क्रिएट हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में डेंगू के अधिकृत महज 218 मरीज दर्ज हैं। नर्सिग होम्स में इससे कई गुना मरीजों का डेंगू का इलाज किया जा रहा है। आप भी हो जाइए जागरुक - कार्ड जांच में एनएस-1 पॉजिटिव होने का मतलब डेंगू होना कतई नहीं होता। -इसके बाद मेडिकल कॉलेज की लैब में एलाइजा जांच जरूरी होती है। - एनएस-1 जांच में एक साथ कई वायरस को डिटेक्ट किया जाता है। जिनकी संरचना एक जैसी होने से वह भी पॉजिटिव आ जाते हैं। इनमें नॉर्मल इंफेक्शन के वायरस भी होते हैं।-मेडिकल कॉलेज में एलाइजा जांच फ्री में की जाती है।
-एनएस-1 जांच पॉजिटिव आने के बाद उसका एलाइजा में पॉजिटिव होने का प्रतिशत काफी कम होता है। -मॉस्कीटो क्वॉइल और रिपेलेंट से मच्छर रेजिस्टेंस हो चुके हैं इसलिए बेहतर इलाज मच्छरदानी ही है। छोटा बघाड़ा में भी डेंगू ने दस्तक दे दी है। जानकारी के मुताबिक यहां दस लोगों को बीमारी का शिकार बताया जा रहा है। एलनगंज के पार्षद नितिन यादव का कहना है कि नगर निगम द्वारा मैलाथियान और एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किए जाने से यह स्थिति पैदा हुई है। डेंगू का सीजन अगले महीने तक कांन्टीन्यू कर सकता है। मेरी पैथोलॉजी वालों से अपील है कि वह पब्लिक से जांच के लिए 200 रुपए से अधिक न लें। यह कदम जनहित में उठाया जाना चाहिए। दूसरा यह कि नर्सिग होम और एएमए द्वारा उनके हॉस्पिटल में चल रहे डेंगू के इलाज और मरीजों की डिटेल हमे भेजी जाए। -डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज