कोरांव से आए कोरोना संदिग्ध का भेजा गया था सैंपल

लापरवाही बरतने पर दस सीएचसी की लगाई गई क्लास

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कोरांव से आए कोरोना संदिग्ध का सैंपल निगेटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही क्वैरेंटाइन किए गए नर्स और डॉक्टर को भ्ी छूट दे दी गई है। एसआरएन हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार सैंपल की जांच रिपोर्ट मिल गई थी। बताया जाता है कि उसके अंदर हाइली सस्पेक्टेड लक्षण दिख रहे थे। इस वजह से उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। अभी तक प्रयागराज में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया है।

टीबी का मरीज है युवक

जानकारी के मुताबिक यह युवक मुंबई से आया है और टीबी का पेशेंट है। शुरू में इसकी टीबी की जांच भी की गई थी। हालांकि बाद में लक्षणों के आधार पर उसका सैंपल भेजा गया था। इसके बाद उसका इलाज करने वाले दो डॉक्टर और तीन नर्स भी सवालों के घेरे में आ गए थे। उन्हें भी अलग-अलग वार्ड में निगरानी में रखा गया था। जब शुक्रवार को उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई तो सभी राहत की सांस ली। युवक का इलाज अभी जारी है। इस दौरान एक भी नया केस नहीं आया। जो मरीज आए थे उन्हें भर्ती करने के बजाय दवा देकर वापस घर भेज दिया गया।

प्रयागराज में 700 से अधिक क्वैरेंटाइन

बता दें कि प्रयागराज में 700 से अधिक लोगों को क्वैरेंटाइन किया गया है। यह सभी हाल ही में विदेश से या देश के दूसरे राज्यों से आए हैं। इनको घर के भीतर रहने को कहा गया और परिजनों से मिलने पर मनाही है। अगर कोई ऐसे व्यक्ति से मिलता है तो बिना मास्क पहने नहीं जाएगा। ऐसे व्यक्ति से कम से कम एक मीटर दूरी बनानी जरूरी होगी। अगर लक्षण दिखाए देते हैं तो परिजनों को तत्काल स्वास्थ्य विभाग को बताना होगा।

क्या है क्वैरेंटाइन

इसमें किसी संक्रमित स्थान से आने वाले को दूसरों से अलग रखा जाता है।

कोरोना वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 2 से 14 दिन का होता है। ऐसे में संदिग्ध को इस पीरियड में दूसरे से अलग रखा जा रहा है।

इस दौरान व्यक्ति अलग बाथरूम और रूम का यूज करता है।

अगर उसेक भीतर लक्षण दिखते हैं तो तत्काल डॉक्टर्स को बुलाकर जांच के लिए सैंपल भेज जाता है।

क्या है आइसोलेशन

जांच के बाद पॉजिटिव लक्षण आने पर मरीज को आइसोलेट कर दिया जाता है।

यह हॉस्पिटल या घर के किसी सेफ कमरे में भी किया जा सकता है।

इस दौरान मरीज का इलाज चलता है और वह डॉक्टर्स की देखरेख में रहता है।

आइसोलेशन वार्ड में बिना बचाव उपकरण डॉक्टर्स या मेडिकल स्टापफ को भी जाने से मनाही होती है।

हमारी ओर से भविष्य की आशंकाओं पर गौर करते हुए पूरी तैयारी की जा रही है। किसी प्रकार की लापरवाही की कोई संभावना नहीं है। लोगों को क्वैरेंटाइन कर उनकी निगरानी हो रही है। मरीज आया तो उसे आइसोलेट भी किया जाएगा।

-डॉ। रिषी सहाय,

आपदा प्रबंधन अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive