- प्रवेश पर विवाद के बीच छात्रसंघ चुनाव में गड़बड़ी का उठाया मुद्दा

को लेकर चुनाव अधिकारी ने ग्रीवांस कमेटी को दिए थे चौंकाने वाले जवाब

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा बना वीसी पर राजनीति गर्मा गई है। ऋचा के प्रवेश पर छिड़ी जंग के बीच छात्रसंघ चुनाव में गड़बड़ी का मुद्दा उठा दिया गया है। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

ग्रीवांस सेल की रिपोर्ट भूले

छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ऋचा के प्रवेश को लेकर जांच में इतनी सक्रियता दिखा रहा है। लेकिन छात्रसंघ चुनाव के दौरान हुई गड़बड़ी और ग्रीवांस सेल की रिपोर्ट को भुला दिया गया है।

चुनाव के ठीक पहले नामांकन खारिज

दरअसल, लास्ट इयर छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी रहे रजनीश सिंह ऋशु ने ग्रीवांस सेल के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनका नामांकन चुनाव (30 सितम्बर) से ठीक एक दिन पहले खारिज किया गया। इससे उनका चुनाव प्रभावित हुआ और वे मात्र 11 मतों के अंतर से हार गए। ऐसे में छात्रा ऋचा सिंह को अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने का मौका मिला।

मांगी थी लीगल ओपिनियन

रजनीश की शिकायत के बाद ग्रीवांस कमेटी ने सुनवाई की। जिसके बाद ग्रीवांस कमेटी ने 12 अक्टूबर 2015 को जारी किए गए लेटर में चुनाव अधिकारी प्रोफेसर आरएस पांडेय को प्रथम दृष्टया नियमों की अनदेखी करने के लिए आरोपित किया। कमेटी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दक्षता भाषण के बाद नामांकन खारिज करने और फिर चुनाव लड़ने की हरी झंडी देने से रजनीश का चुनाव प्रभावित हुआ। ग्रीवांस कमेटी में चेयरमैन डॉ। एआर सिद्दीकी समेत दो अन्य सदस्य गिरीश कुमार और संजय उपाध्याय शामिल थे। सेल ने आगे की कार्रवाई के लिए वीसी को पत्र लिखकर लीगल एडवाइज लेने के लिए कहा था। लेकिन हैरत की बात है कि अभी तक लीगल एडवाइज का कोई अता पता नहीं है। चुनाव में हुई गड़बडि़यों का दोषी कौन? यह सवाल भी यक्ष प्रश्न बनकर रह गया है।

ग्रीवांस सेल को चुनाव अधिकारी का जवाब

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- रजनीश कुमार सिंह पुत्र शेर बहादुर सिंह एमए हिन्दी प्रथम सेमेस्टर 2014-15 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण थे

- रजनीश पर थाना कर्नलगंज में मुकदमा संख्या 2/14 धारा 147, 148, 186, 332, 427, 307, 435, 336 व 7 सीएलए एक्ट के अलावा अन्य मुकदमे पंजीकृत हैं, जिनकी विवेचना न्यायालय में चल रही है

- चुनाव अधिकारी ने रजनीश के आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी एविडेंस के साथ सेल को दी थी

- कहा था कि लिंगदोह समिति की संस्तुतियों में कहा गया है कि ऐसा कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता

- प्रो। आरएस पांडेय ने डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट के पद पर की गई उनकी नियुक्ति पर रजनीश द्वारा उठाए गए सवालों को राजनीति से प्रेरित बताया था

जवाब के बाद ये उठे थे सवाल

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- एबीवीपी को एकमात्र अध्यक्ष पद पर करना पड़ा हार का सामना

- एबीवीपी से अध्यक्ष पद पर तीसरा स्थान हासिल करने वाले सर्वम द्विवेदी को 1578 वोट हासिल हुए थे

- हार से निराश एबीवीपी समर्थकों का कहना था कि स्क्रूटनी कमेटी के सही ढंग से काम न करने के कारण हार मिली

- सर्वम द्विवेदी इस पद के लिए ऋचा को सीधे टक्कर दे रहे थे

- लीगल एडवाइज क्यों नहीं दी गई। इस पर मैं कुछ नहीं बता सकता। आप डीएसडब्ल्यू से बात कर लें।

संजय उपाध्याय, रजिस्ट्रार एयू

- मैने ग्रीवांस सेल से कंप्लेन की थी। लेकिन कई बार पूछे जाने पर भी लीगल एडवाइज के बारे में कुछ नहीं पता चला। फिर हम कोर्ट चले गए।

रजनीश कुमार सिंह, शिकायतकर्ता

- ग्रीवांस सेल ने एक्सेप्ट किया था कि चुनाव साफ सुथरे तरीके से नहीं हुआ। यह मामले करेंट में हाईकोर्ट में पेंडिंग है।

डॉ। हर्ष कुमार, डीएसडब्ल्यू

Posted By: Inextlive