ALLAHABAD: एक तरफ जहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर पर लगे गंभीर आरोपों के बाद गठित जांच कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरूण टंडन की ओर से अभी यह क्लियर नहीं किया गया है कि वह जांच करेंगे या नहीं। वहीं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार से जांच की प्रक्रिया शुरू किए जाने की ऑफिसयल डिक्लेरेशन भी कर दी है। इससे पशोपेश की स्थिति बन गई है कि क्या बिना जांच कमेटी के अध्यक्ष की सहमति के ही विवि प्रशासन जांच को आगे बढ़ा देगा ?

सहमति मिलेगी तो बताएंगे

इस बावत इविवि के पीआरओ डॉ। चित्तरंजन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि जस्टिस टंडन जांच करेंगे या नहीं। कहा कि जब उनकी ओर से सहमति का पत्र आएगा तो इसकी जानकारी दी जाएगी। फिलहाल तो उन्होंने बताया है कि 24, 25 एवं 26 सितम्बर को दिन में 11 से 02 बजे तक यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाऊस में असिस्टेंट रजिस्ट्रार देवेश गोस्वामी बैठेंगे। वीसी से जुड़े प्रकरण को लेकर कोई भी व्यक्ति उन्हें साक्ष्य सौंप सकता है। बता दें कि छात्रनेताओं ने कुछ दिनो पहले पत्र लिखकर जस्टिस अरूण टंडन से अनुरोध किया था कि वे जांच को स्वीकार करने से इंकार कर दें।

कल एक प्रतिनिधिमंडल कार्यवाहक कुलपति से मिलकर गठित की गई जांच कमेटी पर आपत्ति दर्ज कराएगा। उनसे मंत्रालय को तथ्यों को छुपाकर गुमराह न करने का भी अनुरोध किया जाएगा। यह समझ पाना मुश्किल है कि विवि प्रशासन अपने लेवल पर जांच जल्द शुरू क्यों करवाना चाह रहा है ?

ऋचा सिंह, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष

Posted By: Inextlive