-लंबे समय तक खांसी-जुकाम ठीक नही होने की मिल रही शिकायत

-डॉक्टर्स भी हैं परेशान, काम नहीं आ रही हैं नार्मल दवाएं

PRAYAGRAJ: हर साल मौसम चेंज होने पर बीमारियों का मिजाज भी चेंज हो जाता है। जो बीमारी दो दिन में ठीक होती है उसका टाइम ड्यूरेशन भी बढ़ जाता है। इस साल सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के साथ यही हो रहा है। मरीजों को एक बार वायरल इंफेक्शन होने पर यह जल्दी ठीक नहीं हो रहा। इसमें एक माह तक का समय लग रहा है। खुद डॉक्टर्स भी इससे परेशान हैं। माना जा रहा है कि यह किसी अननोन वायरस की वजह से हो रहा है।

काम नहीं कर रही एंटीबायोटिक

कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें मरीजों के इलाज के दौरान दी गई एंटीबायोटिक काम नहीं आई। बाद में हाई डोज दवाएं चलाने के बाद मरीजों को थोड़ा आराम मिला। फिर भी उनकी खांसी काबू में नहीं आई। साथ ही जुकाम और बुखार का असर बना हुआ है। कई मरीजों को ठीक होने में एक माह तक का समय लग गया। कुछ मरीजों को आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की शरण लेनी पड़ रही है।

हर साल चेंज होता है नेचर

बता दें कि वायरस का नेचर हर साल चेंज होता है। हवा और पानी में मौजूद वायरस बॉडी में किसी न किसी रास्ते से प्रवेश कर सिस्टम को संक्रमित कर देते हैं। बाद में यही बीमारी का कारण बनकर सामने आता है। माना जाता है कि प्रकृति चेंज हो जाने से वायरस पर पुरानी दवाएं काम नहीं करती हैं। लगातार चेंज होने से नए वायरस का भी जन्म होता है। बाद में इसका इलाज ढूंढने में लंबा समय लग जाता है।

ऐसे करेंग बचाव

-बाजार में बिकने वाली खानपान की चीजों से बचकर रहना।

-बार-बार दवाएं मत बदलें। इससे शरीर में रेजिस्टेंस पैदा हो सकता है।

-किसी भी दवा का कोर्स पूरा करने के बाद छोड़ें।

-बिना डॉक्टर से सलाह लिए किसी भी दवा का सेवन न करें।

-संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखिए, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

कुछ मरीज ऐसे सामने जरूर आए हैं जिनकी दिक्कतें अधिक थीं। हालांकि दवाओं से बीमारी को काबू कर लिया गया है। इस सीजन में मरीजों को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना जरूरी है। जरा सी लापरवाही उनकी बीमारी को बढ़ाने के लिए काफी है।

-डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन

Posted By: Inextlive