हालात थोड़ा सा बेहतर हुए थे कि शुक्रवार को एक बार फिर हुई बारिश ने मेले की सेहत बिगाड़ दी। लगातार हो रही बारिश से मेले की जमीन दलदल में तब्दील गई। कई टेंट में बारिश का पानी भर जाने से कल्पवासियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मेले के मार्ग खराब हो जाने से लोगों का पैदल चलना दुश्वार रहा। भीषण ठंड और गलन से हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या में भी इजाफा दर्ज किया गया।


प्रयागराज (ब्यूरो)। पांच से 10 जनवरी के बीच हुई बारिश के चलते कल्पवासियों को मेले में बसने में काफी परेशानी हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे हालात बदलने लगे। मेले की जमीन का सूखापन बढ़ता कि इससे पहले गुरुवार की रात से पुन: बारिश ने दस्तक दे दी। इसके बाद एक बार फिर मेले की जमीन दलदली हो गई और जगह-जगह फिसलन बढ़ जाने से लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो गया। खासकर कल्पवासियों से भरपूर सेक्टर चार और पांच के हालात नाजुक रहे। खराब हुए बिस्तर और अनाज


रात में बारिश होने से कई कल्पवासियों के टेंट में पानी भर गया। इससे उनका बिस्तर और अनाज खराब हो गया। कई कल्पवासियों ने टेंट पर पन्नी डाल दी थी, जिससे उनके सामान का बचाव हो गया लेकिन सीलन से ठंड का असर बढ़ गया, जिससे कई लोग बीमार हो गए। मार्ग के दलदल हो जाने से कई वाहन भी जहां-तहां फंस गए। खासकर दो पहिया और चार पहिया वाहनों के पहिए दलदल में फंस जाने से लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बढ़ गई मरीजों की संख्या

बारिश, हवा, गलन और ठंड से मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो गया है। मेले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए दोनों हॉस्पिटल में सुबह से शाम तक मरीजों का आना जारी रहा। अधिकतर मरीजों ने बुखार, बदन दर्द, पेट खराब होने, खांसी और सीने में दर्द की शिकायत दर्ज कराई। डॉक्टर्स का कहना था कि ठंड ऐसे ही पड़ती रही तो मरीजों का आना जारी रहेगा। 24 फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान पर्व और मौसम की गड़बड़ी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिस तरह से मौसम बार-बार करवट बदल रहा है, उसको देखते हुए इंतजाम बेहतर किए जा रहे हैं। हॉस्पिटल्स में एक्स्ट्रा दवाएं और डॉक्टर्स की मौजूदगी है। अगर कोई गंभीर मरीज आता है तो उसको रेफर किया जाएगा।-डाॅ. मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराजprayagraj@inext.co.in

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