डीजीपी मुख्यालय द्वारा चलाए गए अभियान में पुलिसकर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बलरामपुर मऊ बागपत बाराबंकी रहे आगे तो नोएडा मेरठ बरेली व बस्ती साबित हुए फिसड्डी...


lucknow@inext.co.in LUCKNOW : पुलिस को लेकर तमाम नेगेटिव खबरें तो बीते दिनों सामने आईं लेकिन, अब एक सुखद खबर सामने आई है। लोकसभा चुनाव में इस बार रिकार्ड एक लाख से अधिक पुलिसकर्मियों ने पोस्टल बैलेट के जरिये अपने वोटिंग के अधिकार का इस्तेमाल किया है। अमूमन चुनाव ड्यूटी के दौरान पोलिंग सेंटर्स से लेकर जिलों की सीमाओं तक मुस्तैद रहने वाले पुलिसकर्मी अपना वोट डालने से वंचित रह जाते हैं। पिछले चुनावों के आंकड़े इसके गवाह हैं। चलाया गया अभियान


चुनाव आयोग के निर्देश पर डीजीपी मुख्यालय ने इस बार पुलिसकर्मियों से पोस्टल बैलेट के जरिये वोट करवाने का अभियान चलाया था। आईजी लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को इसके लिए कड़े निर्देश दिये गये थे। डीआईजी विजय भूषण समेत आठ सदस्यीय टीम इस टास्क को पूरा करने में लगी रही। पुलिसकर्मियों के पोस्टल बैलेट भरवाने की प्रक्रिया सभी जिलों में लगातार कराई गई। इसका परिणाम रहा कि लोकसभा चुनाव में एक लाख से अधिक पुलिसकर्मियों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है। लोकसभा चुनाव 2019: एग्जिट पोल के नतीजे देखने के बाद मायावती-अखिलेश उठाएंगे ये कदमचार स्तर में ईवीएम सिक्योरिटी, ड्रोन से देखेंगे मतगणनापिछले चुनावों में नाममात्र वोटिंग

बताया गया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब 1050 पुलिसकर्मियों ने जबकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में लगभग 1200 पुलिसकर्मियों ने ही पोस्टल बैलेट के जरिये वोटिंग की थी। इन आंकड़ों की तुलना में इस बार के परिणाम उत्साहित करने वाले हैं। इस कसरत में जिलों के पुलिस अधिकारियों, नोडल अधिकारियों व रिटर्निंग आफिसर की भूमिका सराहनीय रही। पोस्टल बैलेट भरवाने में बलरामपुर, मऊ, बागपत व बाराबंकी ने सबसे अच्छा किया। जबकि नोएडा, मेरठ, बरेली व बस्ती पीछे रहे। इस बार पोस्ट आफिस ने पोस्टल बैलेट के लिए खास फार्म जारी किये थे, जिन पर टिकट लगाने की जरूरत नहीं थी।

Posted By: Vandana Sharma