पहले से ओवर लोड है इलाहाबाद मंडल और दिल्ली-हावड़ा रूट

मेला के लिए 800 और स्पेशल ट्रेन चलाने की है तैयारी

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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला के लिए विभिन्न विभागों की तरह रेलवे की भी जबर्दस्त तैयारी है। मेला के दौरान करीब 800 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। कई अन्य हाईटेक सुविधाएं पैसेंजर्स को रेलवे द्वारा दी जाएंगी। लेकिन मेला के दौरान सबसे बड़ी चुनौती ट्रेनों की पंक्चुअलिटी है। क्योंकि दिल्ली-हावड़ा रूट पर विशेष रूप से इलाहाबाद मंडल में पंक्चुअलिटी की क्या स्थिति है, फिलहाल ये बताने की जरूरत नहीं है।

180 प्रतिशत यूटिलाइजेशन

दिल्ली-हावड़ा रूट पर इलाहाबाद मंडल पिछले कई सालों से ओवरलोड चल रहा है। क्षमता से काफी अधिक ट्रेनों को दौड़ाया जा रहा है। ट्रैफिक लोड की स्थिति ये है कि रेलवे लाइन का यूटिलाइजेशन 150 से 180 प्रतिशत के बीच हो रहा है।

नहीं बढ़ रही पंक्चुअलिटी

भारत के 68 रेल मंडलों में इलाहाबाद मंडल की पंक्चुअलिटी सबसे खराब है। लाख कोशिश के बाद भी ये 45-50 परसेंट से उपर नहीं बढ़ पा रही है। सितंबर में रेल मंत्रालय की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था। इसके बाद भी सुधार नहीं हो पा रहा है।

डेढ़ गुना से अधिक है लोड

- 100 की जगह-150 गाड़ी पहले से चल रही है। वहां 800 ट्रेन और आएंगी तो क्या होगा?

- 2013 में कुंभ मेला के दौरान एक दिन में मैक्सिमम 32 ट्रेनें चलाई गई थी।

- इस बार अगर ट्रेन अधिक बढ़ी तो मैक्सिमम 50 स्पेशल ट्रेन एक दिन में चलाई जा सकती है। इससे अधिक ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है

- सभी रेग्यूलर ट्रेनों के स्टॉपेज देने पड़ेंगे।

- बिना कहे ट्रेन रूकती जाती है। रेलवे नहीं रोकेगी तो पब्लिक रोक देगी।

- ऐसी स्थिति में पंक्चुअलिटी मेंटेन करना इंपासिबल है।

मालगाड़ी भी नहीं रोक सकते

- पंक्चुअलिटी मेंटेन करने के लिए अगर रेल अधिकारी मालगाड़ी को टार्गेट करना चाहेंगे तो वह भी पॉसिबल नहीं है।

- नहान वाले दिन या फिर उसके अगले दिन तक मालगाड़ी रोकी जा सकती है।

- अगर चार दिन मालगाड़ी रोक दी गई तो उत्तर भारत में विद्युत आपूर्ति डिस्टर्ब होने लगेगी। कोयले की सप्लाई कम हो जाती है।

- औसतन पर-डे 45 से 50 मालगाड़ी दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से रिसीव की जाती हैं।

- स्नान पर्व वाले दिन तक मालगाड़ी चलती है। उसके अगले दिन मालगाड़ी नहीं चलती है। 2013 के कुंभ मेला में लिया गया था यह निर्णय।

फैक्ट फाइल-

- 40-40 ट्रेनें अप और डाउन लाइन को मिलाकर रुकती हैं इलाहाबाद जंक्शन पर

- 757.12 किलोमीटर मेन लाइन

- 296.49 किलोमीटर ब्रांच लाइन

- 1053.61 किलोमीटर ट्रैक रूट लंबाई

- 1944.39 किलोमीटर कुल ट्रैक किलोमीटर

- 130 से 150 परसेंट के उपर है रेलवे लाइन का यूटिलाइजेशन

- 310 मेल-एक्सप्रेस-पैसेंजर ट्रेनों की पर डे होती है आवाजाही

- 100 से 150 मालगाड़ी पर-डे गुजरती है इलाहाबाद मंडल से

- 133 इलाहाबाद मंडल में पड़ने वाले सभी स्टेशनों की संख्या

- 2.29 लाख मंडल में यात्रियों को प्रति दिन बेचे जाने वाले टिकटों की औसत संख्या

ये बात सही है कि पंक्चुअलिटी इलाहाबाद मंडल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। क्षमता से काफी अधिक ट्रेनें दिल्ली-हावड़ा रूट पर चल रही हैं। मेला के दौरान ट्रेनों के आवागमन में दिक्कत न हो, इसे लेकर प्लानिंग चल रही है। जल्द ही जानकारी दी जाएगी।

सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ, इलाहाबाद मंडल

Posted By: Inextlive