अमर जवान ज्योति की लाै का शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति की लाै में विलय होगा। दोनों स्‍मारकों के बीच की दूरी करीब आधा किलोमीटर है। अमर जवान ज्योति में यह लाै पिछले 50 सालों से जल रही है।


नई दिल्ली (एएनआई)। गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले एक ऐतिहासिक कदम में, इंडिया गेट के लॉन में अमर जवान ज्योति की लौ को शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ज्याेति की लौ में मिला दिया जाएगा। इस संबंध में भारतीय सेना के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की लौ को एक समारोह में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लाै में विलय किया जाना है। अधिकारियों ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे जो दोनों लाै को मिला देंगे।सैनिकों की याद में इंडिया गेट परिसर में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बना


इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914-1921 के बीच अपनी जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था। हालांकि अमर जवान ज्योति को 1970 के दशक में पाकिस्तान पर भारत की भारी जीत के बाद शहीदों की याद में स्मारक संरचना में शामिल किया गया था जिसमें दुश्मन देश के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। लंबे इंतजार और कई विचारों के बाद भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इंडिया गेट परिसर में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया गया था और 2019 में इसका उद्घाटन किया गया था।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में हैं शहीद सभी भारतीय रक्षाकर्मियों के नाम वहीं इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में भवन के उद्घाटन के बाद, सभी सैन्य औपचारिक कार्यक्रमों को इंडिया गेट स्मारक से इसमें स्थानांतरित कर दिया गया था। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के साथ 1947-48 के युद्ध से लेकर चीनी सैनिकों के साथ गालवान घाटी संघर्ष तक विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की दीवारों पर आतंकवाद विरोधी अभियानों में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम भी शामिल हैं।

Posted By: Shweta Mishra