अमेरिका की एक कोर्ट ने एक सिख हृयूमन राइट्स ग्रुप की प्ली के बेस पर हृयूमन राइट्स वायलेशन के एक मामले में अमिताभ बच्चन के अगेंस्ट सम्मन इश्यू किया है.

यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने न्यूयार्क बेस्ड सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और 1984 के एंटी सिख राइट्स के दो सो कॉल्ड विक्टिम्स की कंप्लेन पर यह सम्मन इश्यू किया है. एक विक्टिम बाबू सिंह दुखिया दिल्ली में रहते हैं जबकि मोहिन्दर सिंह कैलिफोर्निया के रेजिडेंट हैं. कोर्ट ने अमिताभ बच्चन को डायरेक्ट किया है कि वह सम्मन मिलने के 21 दिनों के अंदर जवाब दें.

35 पेज की कंप्लेन में चार्ज लगाया गया है कि उस टाइम प्राइम मिनिस्टर रहीं इंदिरा गांधी के मर्डर के बाद अमिताभ बच्चन ने लोगों को वायलेंस के लिए प्रवोक किया. पिछले कुछ सालों में SFJ ने सो कॉल्ड हृयूमन राइट वायलेशन के केसेज में कई इंडियन लीडर्स को भी अमेरिकी कोर्टस में घसीटने का प्रयास किया है. एक रिपोर्ट के अकॉर्डिंग अमिताभ बच्चन पर आरोप है कि उन्होंने 1984 में "खून के बदले खून" का कंट्रोवर्शियल नारा दिया था, जिससे राइट्स स्टार्ट हो गए थे. 1984 में इंदिरा गांधी का मर्डर उन्हीं के दो सिक्योरिटी गार्डस ने कर दिया था. इसके बाद एंटी सिख राइट्स हुए थे. अमरीका में बेस्ड हृयूमन राइट्स ग्रुप सिख फॉर राइट्स के मेंबर्स और प्ली दाखिल करने वालों का एलिगेशन है कि 31 अक्टूबर 1984 को नारे के जरिए अमिताभ बच्चन ने सिख कम्युनिटी के अगेंस्ट वायलेंस को प्रवोक किया था, इस वजह नवंबर में स्टार्ट हुए राइट्स में हजारों सिख मारे गए थे.
इस मामले पर अभी तक अमिताभ बच्चन की ओर से कोई कमेंट नहीं किया गया है. वैसे इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी अमेरिकी कोर्ट से सम्मन भेजा जा चुका है.

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Posted By: Molly Seth