आगर आप गुड़गांव के रहने वाले हैं तो अपनी कार धोने से पहले एक बार सोच लीजिए या फिर आप जो अपनी बालकनी में पौधे लगाए हैं उनमें पानी डालने पर भी सावधान हो जाईए। गुड़गांव में पानी का किसी भी तरह से दुरुपयोग करना आप को परेशानी में डाल सकता है।


पानी की किल्लत के चलते गुड़गांव प्रशासन ने जारी किया नोटिस


गुड़गांव प्रशासन की ओर से पानी के दुरुएयोग करने पर एक नोटिस जारी किया गया है जिसके अनुसार अगर आप पानी बर्बाद कर रहे हैं तो आप के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। गुड़गांव इस समय कुछ इलाकों हरियाणा में चल रहे जाट आंदोलन की वजह से पानी की समस्या झेल रहा है। गुड़गांव के डिप्यूटी कमिश्नर टी एल सत्यप्रकाश ने बताया कि गुड़गांव के 60 प्रतशित इलाकों में जाट आंदोलन की वजह से ठीक से पानी की सप्लाई नहीं हासे पा रही है। शहर में झाजार से होता हुआ नहर से पानी गुड़गांव में आता था। जाट आंदोलन की वजह से जाटों ने नहर को बंद कर दिया है। नहर गुड़गांव से 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। झंजार जिले में मतन गांव गुड़गांव से 38 किलोमीटर की दूरी पर है। सिचाई विभाग को नहर में किए गए ब्लाकेज को खोलने में 3 से 4 दिन लग सकते हैं। कमिश्नर सत्य प्रकाश ने बताया कि हम पानी की बर्बादी को रोकना चाहते हैं जैसे कार धोना और पौधो में पानी देना।   जाट आंदोलन के कारण बढ़ी पानी की किल्लत

जाट आंदोलन में जाटों ने कैनाल को पूरी तरह से बंद कर दिया है। जिसके चलते पीने के पानी की भी किल्लत हो गई है। सिचाई विभाग दो मशीनों का प्रयोग कर के नहर में प्रतिदिन 1 किलोमीटर तक सफाई कर रहा है। दस किलोमीटर से अधिक नहर को बाधित किया गया है। प्रशासन आशा कर रहा है कि पानी की सप्लाई तीन से चार दिनों में सुचारु रूप से चलने लगेगी। सूत्रों की माने तो अभी पानी की सप्लाई सामान्य होने में दस दिनों का समय लग सकता है। यह कैनाल गुड़गांव के सबसे बड़े वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से सीधे तौर पर जुडी हुई हैं। यह प्रतिदिन सिर्फ 35 प्रतशित ही पानी फिल्टर कर सकता है। इसकी क्षमता 60 मिलियन गैलने प्रतिदन की है। सत्य प्रकाश ने कहा कि अभी हम पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। यह एक चेतावनी है उन लोगों के लिए जो पानी की फिजूलखर्ची करते है। पानी को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने के लिए बहुत कोशशि करनी पडेगी। कार धोने के लिए जो आथोराइज्ड सेंटर हैं वो पानी का अभी भी कार धोने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। टैंकर खरीद कर पीना पड़ रहा है पानी

रामा रानी राठी वार्ड काउंसलर ऑफ डीएलएफ फेस 1 ने बताया कि यहां कोई पानी की सप्लाई नहीं हैं। हम पूरी तरह से एमसीजी वॉटर टैंस पर निर्भर हैं। ये 14 पानी के टैंकर वार्ड के हर ब्लॉक में पानी की सप्लाई करते हैं। ऐसी स्थिती में पानी के टैंकर माफिया की चांदी है। वो रिहायशी इलाकों में एक पानी के टैंकर को 1500 रुपये में बेच रहे हैं। हमे किसी भी तरह की पानी मिलने की मदद नहीं मिली है। हम 1500 रुपये देकर पानी का टैंकर खरीदने के लिए मजबूर हैं। कृष्णा कालौनी निवासी राधेश्याम त्यागी ने बताया कि वह 1500 से 2000 रुपये में पानी का टैंकर खरीद रहे हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra