- चिकित्साधिकारी ने टेक्नीशिायन और चालक को लगाई फटकार, उच्चाधिकारियों को दी सूचना

- बोले, निश्शुल्क सेवा के लिए पैसा मांगने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

आगरा। प्रदेश सरकार की निशुल्क एंबुलेंस (102) सेवा के टेक्नीशियन ने 500 रुपये नहीं देने पर प्रसूता और उसके स्वजनों को एंबुलेंस से उतार दिया। अस्पताल में परिजनों के हंगामे के बाद चिकित्साधिकारी ने चालक को कड़ी फटकार लगाई और प्रसूता को घर भिजवाया। चिकित्साधिकारी ने एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।

खंदौली के शाह नगर बंबा नाऊ की सराय निवासी यूनिस के मुताबिक रविवार की रात उनकी पत्‍‌नी खुशबू ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेटे को जन्म दिया था। उन्होंने सोमवार सुबह 10 बजे पत्‍‌नी को घर ले जाने के लिए निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा को फोन कर बुलाया। एंबुलेंस चालक प्रहलाद ंिसह और ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) यतेंद्र सिंह पहुंचे और प्रसूता को अस्पताल से घर लेकर चल दिए। यूनिस का आरोप है कि घर पहुंचने पर यतेंद्र सिंह ने उनसे 500 रुपये मांगे। इन्कार पर चालक ने गाड़ी मोड़ दी और उन्हें पुन: अस्पताल पहुंचाकर उतार दिया। अस्पताल पहुंच यूनिस की मां ने हंगामा कर दिया। शोर मचता देख चिकित्साधिकारी डॉ। उपेंद्र सिंह पहुंच गए। असलियत जान उन्होंने यतेंद्र सिंह और प्रहलाद सिंह को कड़ी फटकार लगाई। बाद में दूसरे चालक से यूनिस की पत्‍‌नी को घर तक पहुंचवाया। चिकित्साधिकारी ने कहा है कि उक्त एंबुलेंस चालक और ईएमटी के खिलाफ आरोपों से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अन्य तीमारदारों ने भी लगाए आरोप

अस्पताल पर यूनिस की मां के हंगामे के दौरान कई अन्य तीमारदार भी पहुंच गए। उन्होंने चिकित्साधिकारी से कहा कि निश्शुल्क सेवा एंबुलेंस के चालक और उसके साथी अक्सर मरीजों को घर पहुंचाने पर पैसों की मांग करते हैं। नहीं देने पर झगड़ा तक करने पर उतारू हो जाते हैं। कई बार तो मरीज को रास्ते में ही छोड़ देते हैं।

Posted By: Inextlive