राजधानी का सबसे पॉश इलाका कहे जाने वाले अशोक नगर कॉलोनी के अपोजिट आनंद विहार में रहने वाले करीब 300 घरों में लगे नल से तो पानी नहीं आ रहा.

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RANCHI:  राजधानी का सबसे पॉश इलाका कहे जाने वाले अशोक नगर कॉलोनी के अपोजिट स्थित हज हाउस के पीछे स्थित आनंद विहार इलाका ड्राइ जोन में तब्दील हो चुका है. यहां रहने वाले करीब 300 घरों में लगे नल से तो पानी नहीं आ रहा, लेकिन पानी की किल्लत झेलते झेलते और तकलीफ सहते सहते सैकड़ों लोगों की आंखों से बदस्तूर पानी बहने लगा है. कभी कभार अगर पानी आ भी जाता है तो काफी गंदा जो इस्तेमाल के लायक नहीं रहता है.

कैसे बुझेगी प्यास ?
सिटी में इन दिनों पानी की किल्लत से आमलोग काफी परेशान हैं. कभी बिजली की दिक्कत हो जाती है, तो पाइप लाइन से पानी की सप्लाई नहीं होती. कभी थोड़े समय के लिए सप्लाई होती है, तो लोगों पर्याप्त पानी नहीं मिल पता है. वहीं, कई बार गंदे पानी की आपूर्ति होती है. कुल मिलाकर लोगों की प्यास बुझाने का एक मात्र जरिया रांची नगर निगम के टैंकर ही हैं.

पार्षद का नहीं कोई ध्यान
इलाके के लोगों का कहना है कि स्थानीय पार्षद अर्जुन राम आनंद विहार में रहने वाले लोगों से खार खाता है. इस इलाके के विकास से संबंधित कोई कार्य नहीं करते. माना जाता है कि अर्जुन के घोर विरोधी लक्ष्मी का इस इलाके में दबदबा है और वहां रहने वाले लोग उसी के वोटर्स हैं. जिसके कारण इलाका उपेक्षित है.

कर्मियों पर दोहरा दवाब
ये कर्मचारियों भी दोहरा दबाव झेल रहे हैं. एक तो निगम के अधिकारी सवाल करते हैं, वहीं जिन लोगों को पानी के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है, वे भी खरी-खोटी सुनाते हैं.फिलहाल, रांची नगर निगम क्षेत्र के जिन वाडरें में पानी की किल्लत सबसे ज्यादा है, उनमें वार्ड नंबर 1, 2, 3, 4, 5, 32, 33, 22, 34, 26, 25 और 27 शामिल हैं.

पाइपलाइन बिछे हुए दो साल, नहीं आया पानी
लोगों का कहना है कि नगर निगम के ठेकेदारों के द्वारा यहां करीब चार साल पहले ही पानी की सप्लाई लाइन बिछाई गयी. पाइप तो बिछा दिए गए, लेकिन चार साल से इन पाइपों में कभी पानी की सप्लाई ही नहीं की गई है. पानी की किल्लत झेलते झेलते लोग परेशान हो गए और आंदोलन पर उतारु हो गए तब नगर निगम ने इस इलाके में बोरिंग करा दिया. इस बोरिंग से सालों भर पानी बहता रहता रहा लेकिन इस बार अप्रैल माह की शुरुआत में ही बोरिंग ड्राई हो गया है. पानी आना पूरी तरह बंद हो गया है.

कभी -कभार आता टैंकर, 25 मिनट में पानी खत्म
हालांकि, नगर निगम के टैंकर भी पानी की किल्लत को खत्म नहीं कर पाते हैं. जरूरतमंद लोगों की तादाद इतनी ज्यादा होती है कि टैंकर के पहुंचते ही 25 से 30 मिनट के अंदर पानी खत्म हो जाता है. पानी के लिए लोग टैंकर पर टूट पड़ते हैं. कई बार तो मारामारी की भी नौबत आ जाती है. वहीं, आधे लोग बिना पानी के ही लौट जाते हैं.

रिफिल प्वाइंट में ग्राउंड वाटर लेवल पाताल में
रांची नगर निगम के टैंकर से पानी पहुंचाने वाले कर्मचारियों के लिए भी यह काम काफी चुनौती भरा हो गया है. शहर में कर्बला चौक, हरमू, बकरी बाजार आदि कई जगह नगर निगम के रिफिल प्वाइंट है, जहां से टैंकरों में पानी भरा जाता है. दिक्कत यह है कि इन जगहों पर भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है. पहले जो टैंकर 10 से 15 मिनट में भर जाता था, अब वह एक से डेढ़ घंटे में भरता है. जाहिर है, जरूरतमंद लोगों तक तय समय पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha