साइंटिफिक नेम- फाईकस बेंगेलिसिस

लोकल नेम- बरगद

कैंट और आईवीआरआई में हैं सैकड़ों साल पुराने वृक्ष

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है बरगद

30-40 फुट ऊंचा होता है वृक्ष

24 घंटे ऑक्सीजन देता है बरगद

-सौभाग्य और संतान प्राप्ति के लिए बरगद की पूजा करती हैं सुहागन स्त्रियां

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दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अर्थ डे के तहत शुरू हुए कैंपेन डॉक्युमें'ट्री' में आज हम आपको बरगद के बारे में बता रहे हैं. वट प्रजाति का यह पेड़ अब विलुप्त होने की कगार पर है. बरेली की बात करें तो सरकारी भूमि या देव स्थानों पर ही बरगद के कुछ पेड़ बचे हैं. इसमें भी सबसे पुराने पेड़ कैंट एरिया और आईवीआरआई कैंपस में हैं.

हजारों साल होती है उम्र

बीसीबी के बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर आलोक खरे बताते हैं कि बरगद के पेड़ की आयु हजारों साल तक होती है. एक पेड़ से दूसरा पेड़ स्वत: बन जाता है. बरेली में बरगद के पेड़ों की आयु का आंकलन तो अब तक नहीं किया गया है, लेकिन कैंट और आईवीआरआई में बरगद के कई पेड़ सैकड़ों साल पुराने हैं.

यह है धार्मिक महत्व

ऐसा मानते हैं इसके पूजन से और इसकी जड़ में जल देने से पुण्य प्राप्ति होती है. सुहागन स्त्रियां सौभाग्य और संतान प्राप्ति के लिए करती हैं.

औषधीय गुण

बरगद के पेड़ का औषधीय महत्व भी है. बरगद पर लाल रंग के गोल फल लगते हैं, जिन्हें सुखाकर चूर्ण बनाया जाता है. इस चूर्ण का नियमित सेवन पौरुष शक्ति बढ़ाने में कारगर माना जाता है.

अपील

- हमारे इस कैंपेन में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रीडर भी हिस्सा बन सकते हैं. अगर आपका किसी पेड़ से खास लगाव है तो उसके साथ एक सेल्फी लेकर हमें भेजें. साथ ही सौ शब्दों में उस लगाव का कारण भी बताएं. और अगर शहर के किसी पेड़ के बारे में आपकेपास कोई रोचक जानकारी है तो हमें फोटो के साथ भेजें, हम उसे अपने न्यूजपेपर में पब्लिश करेंगे.

- अगर किसी के घर, मोहल्ले या जानकारी में ऐसा कोई पेड़ हो, जिसके सामने उनकी कई पीढ़ी निकल गई हो तो उसके साथ भी आप सेल्फी भेज सकते हैं.

Posted By: Radhika Lala