-पुरुषों को तनाव और मोटापे ने घेरा

-नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

-वेस्ट यूपी में 2005 से बदले हालात

आई स्पेशल

Meerut: भागदौड़ भरी जिंदगी देसी खान-पान वाले वेस्ट यूपी के लोगों पर भारी पड़ रही है। पिछले दस वर्षो में प्रदेश की सेहत में चौंकाने वाले बदलाव हुए हैं। एक और जहां सरकारी अस्पतालों में प्रसूति दर में इजाफा हुआ है। तो वहीं महिला और बच्चों में लगातार खून की कमी बढ़ रही है। पुरुषों को हाईपरटेंशन और मोटापे जैसी बीमारियों ने घेर लिया है।

चौंकाने वाला सच

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 2005 से अब तक काफी बदलाव हुए हैं। वेस्ट यूपी की अगर बात करें तो सर्वे के अनुसार हर तीसरी महिला व पांचवे बच्चे में खून की कमी पाई गई है। इसके अलावा मुंह, गर्भाशय तथा ब्रेस्ट संबंधी बीमारियों की जांच कराने वालों का ग्राफ बढ़ा है, जबकि 2005 में यह स्थिति न के बराबर थी। इस बदलाव के सबसे ज्यादा शिकार शादीशुदा महिला व पांच वर्ष तक के बच्चे हैं। बच्चों पर डायरिया पर नियंत्रण हुआ है। लेकिन ऐनीमिया 71 फीसदी के साथ तेजी से बढ़ा है।

वेस्ट के 16 जनपदों में सर्वे

पहली बार इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेस ने जिला स्तर पर सर्वे किया है। सर्वे 17 हजार 332 घरों की 21 हजार 652 महिलाएं, 3380 पुरुष व 7000 हजार बच्चों पर किया गया है।

सर्वे के मुख्य बिंदु

-स्कूलों में 11 फीसदी बेटियां बढ़ी

-लिंगानुपात 897 से घटकर 876 पर पहुंचा

-साक्षरता में 25 फीसदी तक बढ़ोत्तरी

-कम उम्र में बेटियों की शादी पर लगी रोक

-शिशु मृत्यूदर में आया 8 फीसदी सुधार

- अब घर में डिलीवरी से परहेज

-समय पर होने लगे नौनिहालों के चेकअप

- बच्चों के टीकाकरण में 40 फीसदी बढ़ोत्तरी

-बच्चों के खान-पान में आई 30 फीसदी गिरावट

-पुरुषों में मोटापा 50 तो महिलाओं में खून की कमी 30 फीसदी तक बढ़ी

-हाईपरटेंशन, मोटापा और ब्लड शुगर की नई बीमारी ने घेरा

-मुंह गर्भाश्य और स्तन की बीमारियां बढ़ी

इन बीमारियों ने जकड़ा वेस्ट यूपी

सर्वे के मुताबिक वर्ष 2005-06 तक वेस्ट यूपी में ब्लड शुगर व हाईपरटेंशन का इक्का-दुक्का केस मिला करते थे। साथ ही मुंह, गर्भाश्य और बे्रस्ट संबंधी बीमारियों की जांच का आंकड़ा भी नहीं था। मगर अब 60 फीसदी पुरुष टेंशन और ब्लड शुगर से पीडि़त हैं।

तेजी से फैल रहा डायबिटीज

डॉ। तनुज रस्तोगी का कहना है कि डायबिटीज व मधुमेह के मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही है। मेडिकल में रोजाना 20 से 30 नए मरीज डायबिटीज ग्रस्त मिलते हैं। उनका मानना है कि बुजुर्ग व युवाओं के अलावा अब इस बीमारी ने बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लिया है.उन्होने कहा कि बदलती जीवन शैली और खान-पान इसकी मुख्य वजह है।

खाने के बाद चाय का सेवन गलत

सिविल सर्जन डॉ। अभय कुमार त्यागी का मानना है कि 70 फीसदी से भी ज्यादा लोग असंतुलित आहार लेते हैं। लोग घी और दूध के सेवन को संतुलित मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। भोजन करने के दो घंटे के बाद तक चाय का सेवन नहीं करना चाहिए। ताकि बॉडी को पर्याप्त आयरन मिल सके।

आंकड़े वास्तव में चौंकाने वाले हैं। लेकिन इन बीमारियों से निजात पाने के लिए जीवन शैली और खान-पान में बदलाव जरूरी है। जो एक बहुत बड़ी चुनौती है।

-डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस मेडिकल अस्पताल

Posted By: Inextlive