बचपन में तो यह अक्‍सर देख्‍ाने को मिलता है कि बच्‍चे पहले एक दूसरे को उपहार देते हैं लेकिन अगर किसी बात से लड़ाई हो जाती है तो वे उसे वापस मांग ने में नहीं हिचकते हैं. शायद इसीलिये इसे बचपना कहते हैं लेकिन अब यही हरकत कोई बड़ा करे खास देश के नेता तो थोड़ा सुनने में अटपटा लगता है. ऐसा ही कुछ वाकया सामने आया समाजवादी पार्टी के मंत्री आजम खान और बीजेपी के लक्ष्मीकांत वाजपेयी के बीच.


ब्रीफकेस और चिट्ठी तोहफे


जी हां समाजवादी पार्टी के मंत्री आजम खान ने यह उपहार वापस मांगने वाला शानदार कारनामा किया है. उन्होंने यूपी के बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी से अपने दिये उपहार वापस करने की मांग कर दी है. आजम ने बकायदा इसके लिये लक्ष्मीकांत वाजपेयी को एक चिट्ठी लिखी और उस चिट्ठी के जरिये अपनी यह मांग रखी. वहीं बाजपेयी भी कह रहे हैं आजम के कोई उपहार मेरे पास नही हैं. ऐसे में आज कल यह उपहार वापसी को लेकर ये दोनों ही नेता काफी चर्चा में हैं. हालांकि आजम के यह करने के पीछे लक्ष्मीकांत बाजपेयी का हाल ही में आज के साथ किया गया व्यवहार बताया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो बजट सत्र में सभी विधायकों को एक ब्रीफकेस और चिट्ठी तोहफे में आजम ने भेजी थी. जिसे लक्ष्मीकांत ने 10 अप्रैल को अस्वीकारते हुये उन्हें एक चिट्ठी लिखकर वापस कर दी है.

सारे तोहफे वापस करिये

ऐसे में आजम खान को गुस्सा आ गया. उन्हें लक्ष्मीकांत बाजपेयी के इस रवैये से अपना अपमान सा महसूस हुआ. फिर क्या अब उन्होंने इसके लिये लक्ष्मीकांत बाजपेयी को एक चिट्ठी डाली. सूत्रों की मानें तो चिट्ठी में आजम ने लिखा है कि मैं आपको उपहार देता रहता हूं और आप हमेशा उन्हें स्वीकारते हों, लेकिन इस बार आपने उसे वापस कर दिया है. जिससे साफ है कि आप मेरा उपहार नहीं लेना चाहते हो. इस अब आप मेरे जितने तोहफे मैने आपको दिये हैं वो सब वापस कर दीजियेगा. हालांकि अब लक्ष्मीकांत का कहना है कि इसके पहले आजम ने उन्हें को तोहफा नहीं दिया वे उन्हें कौन से तोहफे वापसे करें. जो दिया था वो मैने वापस कर दिया.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh