भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्मृति ईरानी को बेहतरीन नेता माना जा रहा हो लेकिन उनके अपने मंत्रालय में उनके फैसलों और विचारों पर विवाद बढ़ते जा रहे हैं. इसी सिलसिले में आईआईटीबाम्बे के अनिल काकोदर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. फिल्हाल वो मई तक काम संभालने के लिए राजी हुए हैं. आईआईटी संस्थाओं से जुड़े काकोदर दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने बीते दो महीने में इस्तीफा दिया है.


पता चला है कि परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोदकर ने आईआईटी में निदेशकों की नियुक्ति को लेकर सरकार के साथ तथाकथित मतभेद की वजह से आईआईटी बंबई के संचालन मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा से दे दिया है. इस बारे में आगे जानकारी देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के र्सोसेज ने कहा है कि एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी के अनुरोध के बाद द्वारा वे इस बात पर राजी हो गए हैं कि मई तक वे अपने पद पर तब तक बने रहेंगे जबतक उनका कार्यकाल बाकी है. सुनने में आया है कि स्मृति ईरानी ने कल शाम काकोदकर से टेलीफोन पर बातचीत की थी.


अपने इस्तीफ पर काकोदकर क कहना है कि उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है और वे इस पर हो रहे सवाल जवाब में नहीं उलझना चाहते हैं क्योंकि वे इससे आगे बढ़ना चाहते हैं. इस मामले में ज्यादा विवाद इसलिए भी हो रहा है क्योंकि उनका इस्ती्फा ऐसे समय आया है जब आईआईटी पटना, भुवनेश्वर और रोपड़ के निदेशक नियुक्त करने के लिए सर्च कम सेलेक्शन कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. 22 मार्च को होने वाली समिति की बैठक की अध्यक्ष स्मृति ईरानी हैं और काकोदकर उसके सदस्य हैं.

काकोदकर के इस्तीफ से दो महीने पहले आइआइटी दिल्ली के निदेशक आर शेवगांवकर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय भी मीडिया में यह खबर आई थी उन्होंने सरकार से मतभेद के बाद इस्तीफा दे दिया है. वैसे उनका इस्तीफा अबतक स्वीकार नहीं हुआ है.

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Posted By: Molly Seth