रणजी मैचों में ज्यादा परिणाम निकलने के मकसद से BCCI की तकनीकी समिति ने प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट में हर दिन फेंके जाने वाले ओवरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. इसके साथ ही अंक प्रारूप में भी चेंज करने का विचार किया जा रहा है.

90 से बढ़कर 95 ओवर
अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली कमेटी ने चार और पांच दिवसीय रणजी ट्रॉफी मैचों में हर दिन फेंके जाने वाले ओवरों की संख्या 90 से बढ़ाकर 95 करने का सुझाव दिया है. समिति का एक अन्य सुझाव अंक प्रारूप को लेकर है. उसका मानना है कि पहली पारी में पिछड़ने के बाद बचाव करते हुए मैच ड्रॉ कराने पर एक अंक मिलना चाहिए. इन सुझाव पर 26 अप्रैल को हुई बीसीसीआइ कार्यसमिति की बैठक में विचार किया गया था.
ऑस्ट्रेलिया की तरह यहां भी होगा
आपको बताते चलें कि, पिछले साल रणजी ट्रॉफी के 115 मैच खेले गए, जिसमें 62 में परिणाम निकला. कमेटी का मानना है कि हर दिन पांच ओवर का खेल बढ़ने के बाद परिणाम निकलने के अवसर और बढ़ जाएंगे. यह विचार ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट से लिया गया है, जहां फर्स्ट क्लॉस मैच में हर दिन 96 ओवर का खेल होता है. कार्यसमिति भी इस बात से सहमत है कि ज्यादातर मैचों में दोनों टीमों को अंकों का बंटवारा होता है. बढ़त लेने वाली टीम को तीन अंक मिलते हैं, लेकिन अगर उसे ड्रॉ पर एक अंक मिलने लगेगा तो वह परिणाम के लिए आक्रामक क्रिकेट खेलेगी.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari