- इस केस में करीब दो साल में पूरी हुई थी गवाही

- इसी महीने कोर्ट में चुकी थी तीन बार बहस

- डबल मर्डर में 16 गवाहों ने दी थी गवाही

Meerut : प्रेम प्रयाग कॉलोनी में रिटायर्ड जेई और उनकी पत्नी के कत्ल में छह साल बाद कोर्ट ने आखिरकार बेटी प्रियंका और उसकी सहेली अंजू को दोषी करार दिया। इस दौरान केस में कई नए मोड़ भी आए। करीब दो साल में क्म् गवाहों की कोर्ट में गवाही के बाद दोनों को सहेलियों को कानून से कोई राहत नहीं मिली और गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

ऐसे चला पूरा मामला

रिटायर्ड जेई प्रेमवीर और उनकी पत्‍‌नी संतोष हत्याकांड में जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल तोमर, अधिवक्ता कृष्ण पहल, प्रमोद त्यागी और कृपाल सिंह वादी पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे थे। जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस केस में कोर्ट में दोनों हत्यारोपी सहेलियों अंजू व प्रियंका के खिलाफ क्9 मई ख्009 को आरोप तय किए गए थे। पहले गवाह वादी पदम सिंह थे, जिनकी गवाही फ्0 जुलाई ख्009 को कोर्ट में हुई थी। इसके बाद आखिरी गवाह मेडिकल थाने के तत्कालीन एसओ आरवी कौल की गवाही क्7 सितंबर ख्0क्क् को हुई। इसके बाद क्7 अक्टूबर को कोर्ट में दोनों आरोपी अंजू व प्रियंका के बयान हुए थे। इसी दौरान कुल क्म् गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हुए। करीब छह साल की कानूनी लड़ाई के बाद मई माह में डबल मर्डर की फाइल जिला जज कोर्ट पहुंची। यहां आठ मई, क्ख् मई और क्भ् मई को दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जिरह हुई। इस दौरान अंजू व प्रियंका के खिलाफ ख्8भ् पन्नों में सबूतों का जखीरा कोर्ट में पेश किया गया। इन्हीं के आधार पर जिला जज कोर्ट ने गुरुवार को क्0 मिनट में अंजू व प्रियंका को सजा सुनाई गई।

ये क्म् थे इस केस में गवाह

क्। पदम सिंह (प्रियंका के मौसा और केस के वादी एवं गवाह)

ख्। गौरव (प्रियंका का भाई)

फ्। डॉ। नरेंद्र कुमार (मृतक प्रेमवीर और संतोष का पोस्टमार्टम करने वाले सरकारी डॉक्टर)

ब्। हेड कांस्टेबल सुरेंद्र पाल (मुकदमा दर्ज करने वाला पुलिसकर्मी)

भ्। दारोगा कृष्णवीर (मृतक दंपति का पंचायतनामा भरने वाला पुलिस अधिकारी)

म्। कांस्टेबल किरण (मौके पर पहुंची महिला पुलिसकर्मी)

7. कांस्टेबल पवन सिंह (अंजू-प्रियंका की घर में घुसने के दौरान पहचान करने वाला पुलिसकर्मी)

8. कांस्टेबल तेजपाल (अंजू-प्रियंका की घर में घुसने के दौरान पहचान करने वाला फैंटम पुलिसकर्मी)

9. मंजू (प्रियंका की मौसी)

क्0. दारोगा अमन सिंह (अंजू-प्रियंका से डकैती का माल बरामद करने वाला पुलिसकर्मी)

क्क्। राजीव सक्सेना (इनकी आईडी पर फर्जी तरीके से सिम लेकर अंजू-प्रियंका द्वारा चलाया जा रहा था)

क्ख्। रमेश चंद (बीएसएनएल के मंडलीय अभियंता, जिन्होंने अंजू-प्रियंका के फोन की सीडीआर उपलब्ध कराई)

क्फ्। पवन सिंह (आईडिया कंपनी के नोडल अधिकारी जिन्होंने प्रियंका के फोन का ब्यौरा दिया)

क्ब्। रामआसरे (इनके डीएल पर अंजू-प्रियंका द्वारा सिम लेकर प्रयोग किया जा रहा था)

क्भ्। दारोगा राकेश कुमार (एसओजी के तत्कालीन प्रभारी)

क्म्। एसओ आरवी कौल (केस के विवेचक और तत्कालीन मेडिकल थाना प्रभारी)

नहीं आया कोई रिश्तेदार

अंजू-प्रियंका को गुरुवार को सजा सुनाई गई। इस केस में अंजू-प्रियंका के खिलाफ कई गवाह प्रियंका के परिवार के लोग ही थे। गुरुवार को भी फैसले वाले दिन कोई रिश्तेदार कोर्ट नहीं पहुंचा था। अंजू-प्रियंका के साथ गंगानगर निवासी युवक दिखाई दिया। उसने बताया कि अंजू-प्रियंका सप्ताह पूर्व मिली थीं और बताया था कि केस में सजा हो सकती है। ऐसे में घर और सामान का ध्यान रखने के लिए कहा था, इसलिए साथ आया हूं।

Posted By: Inextlive